हिमाचल प्रदेश : सुखविंदर सिंह सुक्खू होंगे नए मुख्यमंत्री, मुकेश अग्निहोत्री बनेंगे डिप्टी सीएम, रविवार को शपथ ग्रहण समारोह
शिमला, 10 दिसम्बर। सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले स्पष्ट जनादेश के बाद पार्टी में अंदरखाने दो दिनों तक चली खींचतान के बीच पार्टी आलाकमान ने सीएम पद के लिए सुक्खू के नाम पर मोहर लगा दी है। उप मुख्यमंत्री का पदभार मुकेश अग्निहोत्री संभालेंगे। शपथ ग्रहण समारोह रविवार को पूर्वाहन 11 बजे होगा।
चुनौतियों के लिए तैयार हैं, सत्ता में व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं – सुखविंदर
पार्टी हाईकमान की ओर से खुद के नाम पर अंतिम मुहर लगने के बाद नादौन के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आगे की चुनौतियों के लिए तैयार हैं। सत्ता में व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। हिमाचल को सुंदर, स्वच्छ और ईमानदार प्रदेश बनाएंगे। बेहद भावुक नजर आ रहे सुक्खू ने कहा, ‘मैं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और प्रदेश की जनता का शुक्रगुजार हूं। हमने हिमाचल प्रदेश की जनता से जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करना मेरी जिम्मेदारी है। राज्य के विकास के लिए हमें काम करना है।’
प्रतिभा सिंह ने कहा – आलाकमान का फैसला मंजूर
वहीं कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और सीएम पद की रेस में शामिल प्रतिभा सिंह ने कहा कि उन्हें आलाकमान का फैसला मंजूर है। इसके पूर्व प्रतिभा सिंह के समर्थक सड़कों पर उतर आए थे। उन्होंने विधायक दल की बैठक के बीच विधानसभा के बाहर नारेबाजी की। उससे पहले ये लोग एक होटल के बाहर भी पहुंचे, जहां केंद्रीय पर्यवेक्षक दावेदारों के साथ मीटिंग कर रहे थे। विधायक दल की बैठक में सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रतिभा सिंह, मुकेश अग्निहोत्री, विक्रमादित्य सिंह, पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला भी विधानसभा पहुंचे थे।
सुक्खू ने नतीजे आने के बाद से अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी थी
दरअसल, सुक्खू ने चुनाव नतीजे आने के बाद से ही मुख्यमंत्री बनने को लेकर अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी थी। उन्होंने शुक्रवार को विधायक दल की बैठक से ठीक पहले कांग्रेस के 21 विधायकों के साथ चंडीगढ़ में बैठक की और शिमला रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर चर्चा की। इस घटना को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया।
नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की ओर से आम सहमति से प्रस्ताव पास करके विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष को सौंपा गया था। इस बीच शनिवार को भी मुख्यमंत्री पद के लिए लामबंदी जारी रही। सुबह से ही कांग्रेस विधायकों का शिमला स्थित सेसिल होटल में जमावड़ा होने लगा, जहां पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश पटेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ठहरे हुए हैं।
वीरभद्र सिंह की भरपाई करने में कांग्रेस को हुई कठिनाई
विधानसभा में पर्याप्त सीटों के साथ पूर्ण बहुमत के बावजूद कांग्रेस को छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के निधन से उत्पन्न हुए शून्य की भरपाई करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। इसी कड़ी विधायक दल के नेता को लेकर आम सहमति बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
सीएम पद की दौड़ में ये नाम थे शामिल
चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू के अलावा दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी व राज्य कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह व विधानसभा में अब तक विपक्ष के नेता रहे मुकेश अग्निहोत्री समेत कई नेता शीर्ष पद की दौड़ में शामिल रहे। इन नेताओं ने पर्यवेक्षकों से अलग-अलग मुलाकात भी की। प्रतिभा सिंह ने साफ तौर पर संकेत दिया कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। उनके बेटे ने भी इस बात की ओर इशारा किया था।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 में से 40 सीटें जीतीं
गौरतलब है कि कांग्रेस ने गुरुवार को घोषित हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 68 में से 40 सीटें जीत हर भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया। वहीं भाजपा को महज 25 सीटें मिली हैं। चुनाव परिणाम घोषित होने के साथ ही राज्य में 1985 से चली आ रही परम्परा कायम रही, जहां हर पांच वर्ष में सत्तारूढ़ दल बदल जाता है। चुनाव नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।