राजस्थान : सीएम पद के लिए जद्दोजहद शुरू, गहलोत ने की स्पीकर सीपी जोशी के नाम की सिफारिश, पायलट भी दावेदार
जयपुर, 22 सितम्बर। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के लिए भी जद्दोजहद शुरू हो गई है। इसकी मुख्य वजह यह है कि अशोक गहलोत अगर पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। सूत्रों का तो कहना है कि सीएम अशोक गहलोत ने उनके बाद मुख्यमंत्री पद के लिए राज्य विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी के नाम की सिफारिश की है। दूसरी तरफ सचिन पायलट भी सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि सीएम गहलोत ने दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद यह निर्णय लिया है। माना जा रहा है कि गहलोत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष के चुनाव के लिए मैदान में उतर सकते हैं।
सोनिया और राहुल का मत – कांग्रेस ‘एक व्यक्ति एक पद‘ की नीति पर काम करेगी
उधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के बीच केरल में गुरुवार को स्पष्ट किया कि कांग्रेस उदयपुर घोषणा के अनुसार ‘एक व्यक्ति एक पद’ की नीति पर काम करेगी। राहुल का यह बयान सचिन पायलट के लिए बड़ी राहत के तौर पर आया है, जिनकी नजर सीएम की कुर्सी पर लगातार लगी हुई है।
गहलोत चुनाव जीते तो फरवरी के अंत तक सीएम बने रह सकते हैं
वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि सोनिया गांधी ने गहलोत से कहा है कि पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होगा और ‘एक व्यक्ति एक पद’ का सिद्धांत तभी लागू होगा, जब उम्मीदवार को अंतिम रूप दिया जाएगा और वह जीत हासिल करेगा। ऐसे में समझा जा रहा है कि यदि गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़े और उन्होंने जीत हासिल की तो वह राज्य सरकार का आखिरी बजट पेश करने के लिए फरवरी के अंत तक सीएम बने रह सकते हैं।
जोशी और गहलोत के बीच पहले खटास भरे रिश्ते थे
हालांकि जोशी और गहलोत के बीच पहले खटास भरे रिश्ते थे, लेकिन जून, 2020 में जोशी द्वारा गहलोत को अपनी सरकार बचाने में मदद करने के बाद नेताओं के बीच नजदीकियां बढ़ गईं। दरअसल, बागी विधायक मानेसर में डेरा डाले हुए थे, तो जोशी ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की नोटिस जारी कर दी था।