भारत अगले वर्ष एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी, करेगा, राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और पुतिन ने दी बधाई
समरकंद (उज्बेकिस्तान), 16 सितम्बर। भारत अगले वर्ष शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। यहां चल रहे एससीओ समिट-2022 के दौरान इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी सुप्रीमो व्लादिमिर पुतिन ने एससीओ समिट-2023 का अध्यक्ष पद ग्रहण करने के लिए भारत को बधाई भी दी।
चीनी राष्ट्रपति ने जिनपिंग ने कहा, ‘हम अगले वर्ष भारत के प्रेसीडेंसी पद के लिए उसका समर्थन करेंगे।’ जिनपिंग ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि विश्व नेताओं को ‘अधिक न्यायपूर्ण और तर्कसंगत दिशाओं में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के विकास को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।’ जिनपिंग ने शिखर सम्मेलन में यह भी कहा कि सदस्यों को शून्य-राशि के खेल और ब्लॉक राजनीति को त्यागना चाहिए। साथ ही साथ संयुक्त राष्ट्र के मूल में अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को बनाए रखना चाहिए।
यह पहली बार है कि दो विश्व नेता – शी जिनपिंग और पीएम मोदी 2020 में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर हुई झड़पों के बाद आमने-सामने आए हैं। हालांकि सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच कई दौर की उच्चस्तरीय चर्चाएं हो चुकी हैं और नई दिल्ली और बीजिंग ने कुछ दिन पहले लद्दाख में एक महत्वपूर्ण बिंदु पर से सेना हटाने का काम पूरा किया है।
फिलहाल अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि दोनों नेता महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में द्विपक्षीय बैठक करेंगे या नहीं। बैठक के बारे में पूछे जाने पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री की द्विपक्षीय बैठकों का कार्यक्रम सामने आएगा तो हम आपको पूरी तरह से अवगत कराएंगे।’
स्मरण रहे कि शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन चीन, भारत, पाकिस्तान, रूस और पूर्व सोवियत मध्य एशियाई देशों कजाखकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान से बना है। इसे वर्ष 2001 में पश्चिमी देशों के संगठनों के प्रतिद्वंद्वी के रूप में राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन के रूप में स्थापित किया गया था।