नई दिल्ली, 13 सितम्बर। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को आवश्यक दवाओं की नई राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) जारी की गई। इसमें 27 कैटेगरी में 384 दवाओं को शामिल किया गया है। नई संशोधित आवश्यक दवाओं की सूची से 26 दवाएं हटाई भी गई हैं। केंद्र सरकार की ओर से इससे पहले 2015 में आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची जारी की गई थी।
एनएलईएम से हटाई कुछ कुछ दवाएं पिछले दिनों में बहुतायत में इस्तेमाल होती रही हैं। जिन दवाओं को हटाया गया है, उसमें रेनिटिडाइन (Ranitidine) भी है, जिसे अक्सर एसिडिटी और पेट संबंधी अन्य समस्याओं के लिए लिया जाता है। इसे रैनटेक (Rantac), जिनेटेक (Zinetac), और एसियोलिक (Aciloc) जैसे ब्रांड नामों के साथ बेचा जाता है। इनसे कैंसर होने के खतरे की आशंका के चलते इन दवाओं को सूची से हटा दिया गया है।
नई एनएलईएम में 34 दवाओं को शामिल भी किया गया
बहरहाल, नई एनएलईएम में 34 दवाओं को शामिल किया गया है। इनमें कुछ संक्रमण-रोधी दवाएं जैसे आइवरमेक्टिन, मुपिरोसिन और निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी शामिल हैं। ऐसे में सूची में कुल दवाओं की संख्या 384 हो गई हैं।
कुछ अन्य दवाओं को भी नई सूची में जोड़ा भी गया है, उसमें गर्भनिरोधक फ्लूड्रोकोर्टिसोन, ऑरमेलोक्सिफेन, इंसुलिन ग्लार्गिन और टेनेलीग्लिटिन शामिल है। सांस में तकलीफ के समय दी जाने वाली मॉन्टेलुकास्ट (Montelukast) और नेत्र रोग की दवा लैटानोप्रोस्ट (Latanoprost) को भी सूची में शामिल किया गया है। हृदय संबंधी दवा डैबिगट्रान (Dabigatran) और टेनेक्टेप्लेस (Tenecteplase) को भी शामिल किया गया है।
कुछ एंटीबायोटिक्स, टीके और कैंसर रोधी दवाएं अब अधिक सस्ती और सुलभ
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वालीं दवाओं की बेतहाशा वृद्धि से रोकने के लिए मूल्य सीमा की भी घोषणा की और कहा कि कुछ एंटीबायोटिक्स, टीके और कैंसर रोधी दवाएं अब अधिक सस्ती और सुलभ होंगी।
India can achieve new heights of progress & prosperity only when its citizens are healthy.
PM @NarendraModi Ji's Govt is committed to creating a robust healthcare system with a focus on ensuring Accessibility, Affordability & Safety.
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) September 13, 2022
वर्ष 2020 में अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने रेनिटिडाइन में निम्न स्तर पर एन-नाइट्रोसोडिमिथाइलमाइन (एनडीएमए) की मौजूदगी की बात सामने आने के बाद सभी रैनिटिडीन उत्पादों (इंजेक्शन से देने वाले और मुंह से दिए जाने वाले) को बाजार से हटा लिया था। इंडियन जर्नल ऑफ फार्माकोलॉजी द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार एन-नाइट्रोसामाइन का संबंध पेट, अन्नप्रणाली, नासोफरीनक्स (nasopharynx) और मूत्राशय के कैंसर से है।
एनएलईएम से हटाई गईं 26 दवाएं निम्नवत हैं :-
- अल्टेप्लेस (Alteplase)
- एटेनोलोल (Atenolol)
- ब्लीचिंग पाउडर (Bleaching Powder)
- कैप्रोमाइसिन (Capreomycin)
- सेट्रिमाइड (Cetrimide)
- क्लोरफेनिरामाइन (Chlorpheniramine)
- दिलोक्सैनाइड फ्यूरोएट (Diloxanide furoate)
- डिमेरकाप्रोलो (Dimercaprol)
- एरिथ्रोमाइसिन (Erythromycin)
- एथिनिल एस्ट्राडियोल (Ethinylestradiol)
- एथिनिल एस्ट्राडियोल (ए) नोरेथिस्टरोन (बी) (Ethinylestradiol(A) + Norethisterone (B))
- गैनिक्लोविर (Ganciclovir)
- कनामाइसिन (Kanamycin)
- लैमिवुडिन (ए) + नेविरापीन (बी) + स्टावूडीन (सी) (Lamivudine (A) + Nevirapine (B) + Stavudine (C))
- लेफ्लुनोमाइड (Leflunomide)
- मेथिल्डोपा (Methyldopa)
- निकोटिनामाइड (Nicotinamide)
- पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2ए, पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा 2बी (Pegylated interferon alfa 2a, Pegylated interferon alfa 2b)
- पेंटामिडाइन (Pentamidine)
- प्रिलोकेन (ए) + लिग्नोकेन (बी) (Prilocaine (A) + Lignocaine (B))
- प्रोकार्बाजिन (Procarbazine)
- रैनिटिडीन (Ranitidine)
- रिफाब्यूटिन (Rifabutin)
- स्टावूडीन (ए) + लैमिवुडिन (बी) (Stavudine (A) + Lamivudine (B))
- सुक्रालफेट (Sucralfate)
- सफेद पेट्रोलेटम (White Petrolatum)।