कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद एमए खान ने पार्टी से दिया इस्तीफा, राहुल गांधी पर साधा निशाना
नई दिल्ली, 28 अगस्त। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं क्योंकि एक के बाद एक वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं। इस क्रम में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के दो दिन बाद ही तेलंगाना में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद एमए खान ने इस्तीफा दे दिया है। दिलचस्प यह है कि एमए खान ने भी अपने इस्तीफे में राहुल गांधी को लेकर कुछ वैसी ही बातें कही हैं, जो गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को प्रेषित अपने पांच पन्ने की चिठ्टी में लिखी थी।
राहुल गांधी की सोच बूथ व ब्लॉक स्तर के कार्यकर्ता से भी मेल नहीं खाती
एमए खान ने अपने इस्तीफे में कहा, ‘राहुल गांधी द्वारा पार्टी के उपाध्यक्ष का पद संभालने के बाद कांग्रेस को नुकसान ही हुआ है। उनके सोचने का तरीका अलग है, जो ब्लॉक स्तर से लेकर बूथ स्तर तक किसी भी कार्यकर्ता से मेल नहीं खाता है। पार्टी के तमाम दिग्गज, जिन्होंने दशकों तक पार्टी को मजबूत किया, अब पार्टी छोड़ रहे हैं। राहुल गांधी यह भी नहीं जानते कि वरिष्ठ सदस्यों के साथ कैसे व्यवहार करना है। स्थिति को देखते हुए मेरे पास पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला करने के अलावा अलावा कोई विकल्प नहीं था।’
जी-23 के वरिष्ठ नेताओं की सलाह मानी जाती तो आज चीजें अलग होतीं
पूर्व राज्यसभा सांसद ने कहा कि पार्टी की बेहतरी के लिए जी-23 के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी सलाह दी, लेकिन उनकी आवाज को नेतृत्व ने नकार दिया और अनसुना तक कर दिया। अगर उन नेताओं पर भरोसा किया जाता और पार्टी उनकी बातें समझती तो आज चीजें अलग होतीं।
देखा जाए तो नए अध्यक्ष के चुनाव की तैयारियों में लगी देश की सबसे पुरानी पार्टी की मुश्किलें लगातार हो रहे इस्तीफों से बढ़ रही है। एक तरफ जहां गुलाम नबी आजाद द्वारा पार्टी से इस्तीफा दिए जाने के बाद जी-23 के नेता एक बार फिर से सक्रिय नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ गुजरात में आम आदमी पार्टी कांग्रेस की जगह लेने की तैयारी में है।
हाल ही में दिल्ली में गुलाम नबी आजाद के आवास पर आनंद शर्मा और उनके बीच बैठक हुई। इस बैठक में 26 अगस्त को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री आर.एस. चिब भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि आजाद जम्मू-कश्मीर में अपनी पार्टी बना कर चुनावों में उतर सकते हैं।