भारत में कोरोना : दिल्ली में ओमिक्रॉन का नया और अधिक संक्रामक सब वैरिएंट BA 2.75 मिला
नई दिल्ली, 11 अगस्त। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप का नया सब वैरिएंट सामने आया है। लोकनायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल ने यह जानकारी साझा की है। अस्पताल का कहना है कि बीए 2.75 (जो ओमिक्रॉन का नया सब वैरिएंट है) दिल्ली में कोविड -19 रोगियों से लिए गए अधिकतर नमूनों में पाया गया है।
एलएनजेपी अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए थे और इस सप्ताह विश्लेषण किया गया था। उन्होंने कहा कि इनमें से आधे से अधिक नमूनों में ओमिक्रॉन के नए उप स्वरूप बीए 2.75 की मौजूदगी मिली है।
नए सब वैरिएंट के मरीज 5-7 दिनों में स्वस्थ हो जा रहे
उल्लेखनीय है कि एलएनजेपी अस्पताल में मार्च, 2020 से कोविड-19 के मरीजों का उपचार हो रहा है। यहां मरीजों के लिए 2000 बिस्तर हैं और दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाला यह सबसे बड़ा अस्पताल है। हालांकि, अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि जिन मरीजों में इन उप स्वरूप का पता चला, वे मरीज पांच-सात दिनों के भीतर ठीक हो रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि अध्ययन में 90 मरीज शामिल थे और नया उप स्वरूप अधिक संक्रामक है।
1-10 अगस्त के बीच दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 19,760 से अधिक मामले आए
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार एक से 10 अगस्त के बीच राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण के 19,760 से अधिक मामले आए हैं। इस अवधि में निषिद्ध क्षेत्रों की संख्या में भी करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। करीब 180 दिनों बाद दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 से आठ मरीजों की मौत के मामले आए और 2,146 नए मामलों की पुष्टि हुई। मंगलवार को 2,495 मामले आए थे और सात लोगों की मौत हुई थी जबकि संक्रमण दर 15.41 प्रतिशत दर्ज की गई।
दिल्ली में मास्क लगाना फिर अनिवार्य, जुर्माना भी किया गया तय; कार वालों को राहत
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा था कि दिल्ली में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ज्यादातर नए मामले हल्के प्रकृति के हैं। संक्रमण दर में वृद्धि के बावजूद, सरकार दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा तैयार ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) को लागू नहीं कर रही है क्योंकि अस्पताल में कम मरीज भर्ती हैं। संक्रमण दर और अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या के आधार पर उठाए जाने वाले कदमों के लिए पिछले साल अगस्त में जीआरएपी लागू की गई थी।