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पंजाब सरकार की घोषणा – आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को 5 लाख का मुआवजा

पंजाब सरकार की घोषणा – आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को 5 लाख का मुआवजा

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चंडीगढ़, 3 अगस्त। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घोषणा की है कि किसान आंदोलन के दौरान मारे गए राज्य के किसानों के परिवारों को पांच अगस्त तक पांच लाख रुपए का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने मंगलवार शाम यहां भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल के नेतृत्व में किसान नेताओं के साथ चार घंटे लंबी बैठक के बाद यह घोषणा की। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों के लंबित भुगतानों को मंजूरी देने सहित उनकी अधिकतर मांगों को स्वीकार करने के बाद कई किसान संगठनों ने बुधवार, तीन अगस्त का अपना प्रस्तावित आंदोलन वापस लेने का फैसला किया।

गन्ना किसानों की बकाया राशि का 7 सितंबर तक भुगतान

राज्य सरकार के गन्ना बकाया भुगतान सहित उनके विभिन्न मुद्दों का समाधान करने में नाकाम रहने की स्थिति में किसानों ने तीन अगस्त को माझा, मालवा और दोआबा क्षेत्रों में तीन जगहों पर राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करने की घोषणा की थी। बैठक के बाद मान ने कहा, ‘मैं किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हूं। मेरे कार्यकाल में उन्हें अपनी वास्तविक मांगों के लिए विरोध-प्रदर्शन नहीं करना पड़ेगा।

सीएम भगवंत मान ने कहा, ‘गन्ना बकाया 195.60 करोड़ रुपये है और इसमें से 100 करोड़ रुपये 15 अगस्त, जबकि शेष 95.60 करोड़ रुपये 7 सितंबर तक चुका दिए जाएंगे।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को पांच अगस्त तक पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।’

किसानों का आज से प्रस्तावित आंदोलन वापस

इस बीच बीकेयू सिद्धूपुर के जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, ‘हमारी अधिकतर मांगों को स्वीकार कर लिया गया है। हमने अपना विरोध अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। हमें आश्वासन दिया गया है कि 7 सितंबर तक बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। हमारी अगली बैठक 7 सितंबर को होगी।’

इससे पहले 31 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा देशव्यापी विरोध के आह्वान के जवाब में पंजाबभर के किसानों ने पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चार घंटे का ‘रेल रोको’ विरोध किया था, जिसमें लगभग 40 फार्म संगठन शामिल थे। ये संगठन मुख्य रूप से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के उचित कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं।

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