शिवपाल यादव का भतीजे अखिलेश को जवाब – ‘वैसे तो सदैव स्वतंत्र था, लेकिन सपा से औपचारिक आजादी देने के लिए धन्यवाद’
लखनऊ, 23 जुलाई। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी (सपा) की ओर से गठबंधन छोड़ने के संकेत मिलने के बाद अपने भतीजे अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले दल के प्रति कृतज्ञता जाहिर की है।
दरअसल, दिन में सपा की ओर से ट्वीट के जरिए शिवपाल यादव और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के नाम पत्र जारी किए गए थे, जिनमें उनसे पार्टी छोड़ने के लिए कहा गया था। सपा ने ट्वीट में कहा था – माननीय शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।’
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) July 23, 2022
राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों और सम्मान से समझौता अस्वीकार्य
शिवपाल ने इस पत्र के जवाब में ट्वीट करते हुए कहा – ‘मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद। राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों और सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है।’
मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद।
राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों एवं सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है।
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) July 23, 2022
शिवपाल ने बीते दिनों कहा था – सपा में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा
गौरतलब है कि शिवपाल सिंह यादव ने बीते दिनों एक बयान में कहा था कि सपा में उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है। शिवपाल के इस बयान के बाद ही सपा की तरफ से आज किए गए उक्त ट्वीट में साफतौर पर गठबंधन छोड़ने के संकेत दे दिए गए थे।
दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात की थी और गठबंधन किया था। शिवपाल ने सपा के सिंबल पर जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। हालांकि, उसके बाद शिवपाल यादव और अखिलेश के बीच दूरियां बढ़ती गईं।
राष्ट्रपति चुनाव में तनाव सतह पर दिखा था
हालिया राष्ट्रपति चुनाव में तो दोनों के बीच उपजा तनाव सतह पर आ गया, जब सपा ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन दिया। इससे नाराज शिवपाल ने एक खुला पत्र लिखा और कहा कि मुलायम सिंह यादव को ISI का एजेंट कहकर अपमानित करने वाले को कट्टर सपाई कभी समर्थन नहीं करेगा। उन्होंने अखिलेश को समर्थन देने से पहले एक बार फिर विचार करने के लिए कहा था।