आबकारी नीति की सीबीआई जांच पर बोले सीएम केजरीवाल – मैं कहता रहा हूं, वे सिसोदिया को गिरफ्तार करेंगे…
नई दिल्ली, 22 अप्रैल। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के खिलाफ एलजी विनय कुमार सक्सेना द्वारा सीबीआई जांच का आदेश देने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में फिर सियासी पारा चढ़ गया है और उपराज्यपाल व दिल्ली सरकार के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का आरोप है कि केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन के साथ प्रक्रियागत खामियां हैं और इसके जरिए शराब के ठेकों के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया है। गौरतलब है कि आबकारी विभाग की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पास है।
यह केस फर्जी है और इसमें कोई सच्चाई नहीं : केजरीवाल
फिलहाल अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल के आरोपों को गलत बताते हुए भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा, ‘मैं कहता रहा हूं कि वे मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करेंगे। भारत में अब एक नया सिस्टम काम कर रहा है। उन्हें जिसे भी जेल भेजना होता है, वे एक फर्जी केस बना देते हैं। यह केस फर्जी है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।’
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— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 22, 2022
‘हम भगत सिंह के लोग, जेल जाने से नहीं डरते‘
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा, “तुम (बीजेपी) सावरकर के फॉलोअर्स हो, जिन्होंने ब्रिटिश से माफी मांगी थी। हम भगत सिंह के लोग हैं, जिन्होंने अंग्रेजों के सामने सरेंडर से इनकार कर दिया था और अपना बलिदान दिया था। हम जेल जाने से नहीं डरते, न फंदे से डरते हैं। उन्होंने हमारे लोगों के खिलाफ कई केस बनाए हैं। ‘आप’ पंजाब में अपनी जीत के बाद से आगे बढ़ रही है। वे हमें राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ते हुए नहीं देख सकते, इसलिए इस तरह के उपायों का सहारा ले रहे हैं। लेकिन हमें कुछ नहीं रोक सकता।”
दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश
इस बीच अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की इस महीने की शुरुआत में सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी है। इस रिपोर्ट से प्रथम दृष्टया राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम, 1991, व्यापारिक लेनदेन की नियमावली-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम, 2009 और दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के उल्लंघनों का पता चलता है।
रिपोर्ट में शराब ठेकों के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का जिक्र
रिपोर्ट में ‘शराब के ठेकों के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ’ देने के लिए ‘जान बूझकर और घोर प्रक्रियागत खामियां करने’ का जिक्र है। नई आबकारी नीति 2021-22 पिछले साल 17 नवंबर से लागू की गई थी, जिसके तहत 32 मंडलों में विभाजित शहर में 849 ठेकों के लिए बोली लगाने वाली निजी संस्थाओं को रिटेल लाइसेंस दिए गए।
नई आबकारी नीति के तहत कई शराब की दुकानें खुल नहीं पाईं। ऐसे कई ठेके नगर निगम ने सील कर दिए। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने इस नीति का विरोध किया था और इसकी जांच के लिए उपराज्यपाल के साथ केंद्रीय एजेंसियों में शिकायत दर्ज कराई थी।