उत्तर प्रदेश : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की नसीहत – अधिकारी उलझाते हैं, उन्हें होशियारी से डील करें मंत्री
लखनऊ, 22 मई। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की आदत काम को उलझाने और फाइलों को लटकाने, टरकाने और उनमें कमी निकालने की होती है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के हाथ में कुछ भी नहीं है। सब कुछ अधिकारियों के हाथ में है, लेकिन उनसे काम कराने की जिम्मेदारी मंत्रियों की है। इसलिए मंत्रियों को अधिकारियों से बहुत होशियारी से काम लेना चाहिए। उन्हें अधिकारियों से झगड़ा नहीं करना है। नहीं तो काम नहीं होगा। उनके साथ शांति और होशियारी के साथ चर्चा कर फाइल निपटाइए।
18वीं विधानसभा के सदस्यों के लिए विधान भवन के तिलक हाल में आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम को शनिवार को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शासन के वरिष्ठ अधिकारी कभी आपको यह नहीं बताएंगे कि कितनी फाइलें लंबित हैं, शासनादेशों में क्या बदलाव होना चाहिए। आपको ये जिले के अधिकारी और छोटे कर्मचारी बताएंगे।
ठेके-पट्टों के चक्कर मेें न पड़े और बच्चों व रिश्तेदारों को अपने काम से दूर रखें
राज्यपाल आनंदीबेन ने विधायकों और मंत्रियों को ठेके-पट्टों से दूर रहने रहने और अपने बच्चों व रिश्तेदारों को अपने काम से दूर रखने की नसीहत दी। उन्होंंने कहा कि जब आप टेंडर के चक्कर में पड़ते हैं या आपके बच्चे और रिश्तेदार आपके काम में हस्तक्षेप करते हैं तो आपकी छवि खराब होती है। विधायक बनने से पहले हमारा जीवन बेहद सादगी से गुजरता है, लेकिन विधायक बनने के बाद हमारे रहन-सहन में जो अंतर आता है, जनता उसे बड़ी बारीकी से देखती है। इसलिए रोटी-दाल खाइए, लेकिन शान से।
मंत्रियों और विधायकों के काम की प्राथमिकताएं तय होनी चाहिए
मंत्रियों और विधायकों से उन्होंने कहा कि सरकार के संसाधन और बजट सीमित है। इसलिए आपके काम की प्राथमिकताएं तय होनी चाहिए। विकास में सबसे पिछड़े क्षेत्र को प्राथमिकता देनी चाहिए। यदि आप सोचेंगे कि आप अपने क्षेत्र का सारा विकास करा देंगे और जनता से ऐसे वादे भी करेंगे तो आप लोगों को निराश करेंगे। इससे आपकी छवि भी खराब होगी। उन्होंने विधायकों को अपने कार्यकर्ताओं से नियमित संवाद करने के लिए कहा क्योंकि उसने उनके लिए पसीना बहाया है।
अपने कार्यों का दस्तावेज तैयार कर विधायक उसे जनता के बीच पहुंचाएं
आनंदीबेन ने विधायकों को अपने कार्यों का दस्तावेज तैयार कर उसे जनता के बीच पहुंचाने का सुझाव दिया। महिला विधायकों से उन्होंने दो टूक कहा कि महिला होने का बहाना बनाकर आप अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकतीं। प्रबोधन कार्यक्रम को विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने भी संबोधित किया।