![रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बोले – रेलवे के निजीकरण की कोई योजना नहीं, स्वदेशी तकनीक को आगे बढ़ाने पर जोर](https://hindi.revoi.in/wp-content/uploads/2022/04/रेल-मंत्री-अश्विनी-वैष्णव.jpg)
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बोले – रेलवे के निजीकरण की कोई योजना नहीं, स्वदेशी तकनीक को आगे बढ़ाने पर जोर
चेन्नई, 9 अप्रैल। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बार फिर कहा है कि केंद्र सरकार की रेलवे का निजीकरण करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि रेल यात्रियों की आकांक्षाओं को पूरा करने, खासकर सुरक्षा और सुविधा के लिहाज से रेलवे को नवीनतम तकनीक अपनाने की जरूरत है।
स्वदेशी तकनीक को आगे बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए
अश्विनी वैष्णण ने शनिवार को ‘रेल मंडपम’ पेरम्बूर में भारतीय रेलवे मजदूर संघ (बीआरएमएस) के 20वें अखिल भारतीय सम्मेलन का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) के योगदान की तरह तकनीक स्वदेशी होनी चाहिए और इस क्षेत्र को आगे बढ़ाना चाहिए। ज्ञातव्य है कि वंदे भारत एक्सप्रेस को केंद्र की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत पेरम्बूर में आईसीएफ द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है।
रेल मंत्री ने जोर देकर कहा, ‘विपक्षी दल बार-बार रेलवे का निजीकरण करने का आरोप लगाते हैं। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि रेलवे एक बड़ा जटिल संगठन है…रेलवे के निजीकरण की कोई नीति नहीं है। ऐसी कोई योजना नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि केंद्र सरकार का रेलवे का निजीकरण करने का कोई इरादा नहीं है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता यह है कि रेलवे के लिए जो बेहतर है, उसे करने का प्रयास करें और इसे आगे बढ़ाएं।’
केंद्र ने रेलवे में 3.5 लाख भर्ती की और 1.40 लाख पदों पर भर्ती के लिए पहल की
रेलवे में भर्ती के मोर्चे पर नगण्य काम करने के लिए पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की आलोचना करते हुए वैष्णव ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने रेलवे में 3.5 लाख पदों को भरा और 1.40 लाख पदों पर भर्ती के लिए कदम उठाए। उन्होंने कहा, ‘मैं यह सुनिश्चित करने के लिए 15 दिनों में एक बार भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा कर रहा हूं कि कहीं भी इसमें अड़चन न आए।’