नई दिल्ली, 11 दिसंबर। कृषि कानूनों की वापसी और अन्य मांगों पर केंद्र सरकार से सहमति मिलने के बाद से किसानों की घर वापसी शुरू हो गई है। दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर 380 दिनों से डेरा डाले किसान अपने घरों का रुख करने लगे हैं।
फिलहाल आंदोलन के अग्रणी नेताओं में शुमार राकेश टिकैत ने कहा है यदि सरकार किसानों की मांगें पूरी नहीं करती तो किसान संगठन फिर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने शनिवार को कहा, ‘अगर सरकार किसानों की मांगों को पूरा नहीं करती, तो हम वापस आंदोलन करेंगे।’
यूपी चुनाव को लेकर जल्द ही समर्थकों को बताएंगे अपना फैसला
आंदोलन की समाप्ति के बाद यह सवाल उठ रहा है कि अब संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की आगे की क्या रणनीति होगी? क्या राकेश टिकैत अब भी अलग-अलग राज्यों में जाकर भाजपा सरकार का विरोध करेंगे। साथ ही उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर उनका क्या रुख रहेगा? इस बाबत टिकैत ने कहा, ‘मैं जल्द ही अपने फैसले के बारे में समर्थकों को बताऊंगा। मैं यूपी के अलग-अलग हिस्सों में जाऊंगा। मुझे कोई नहीं रोक सकता।’
15 दिसंबर तक खाली हो जाएंगे बॉर्डर
गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन की अगुआई कर रहे टिकैत ने दिल्ली बॉर्डर खाली करने के सवाल पर कहा कि आज से किसानों का जाना शुरू हो गया है। लोग अपने-अपने घर जाने लगे हैं। लोग घर जा रहे हैं, समाधान हो गया है, तो एक खुशी है। यही अपने आप में विजय यात्रा है।
टिकैत ने कहा कि 15 दिसंबर तक सामान हटाया जाएगा। हटाने में 3-4 दिन लगेंगे। मंच रविवार तक हट जाएगा। गाजीपुर में एक साइड की सड़क को 12 दिसंबर से खोल दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अभी सरकार से समझौता हुआ है। सरकार के साथ कोई मनमुटाव नहीं है। लेकिन आगे वे क्या करेंगे, इस बारे में आने वाला समय ही बताएगा।’
उन्होंने साथ ही किसानों से अपील की है कि वे शांति पूर्ण तरीके से रहें। अपने खेत पर ध्यान दें। एसकेएम समझौते पर ध्यान देगा। अगली बैठक अगले महीने की 15 तारीख को होगी। वह इस दौरान हरियाणा समेत कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी मिलेंगे।