संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक : 5 सदस्यीय कमेटी एमएसपी को छोड़ अन्य मुद्दों पर सरकार से करेगी बातचीत
नई दिल्ली, 4 दिसंबर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तीन सीमाओं पर एक वर्ष से भी ज्यादा समय से आंदोलनरत किसान संगठन कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब बचे हुए मसलों को लेकर केंद्र सरकार से बातचीत की तैयारी कर रहे हैं। इस क्रम में सिंघु बॉर्डर पर शनिवार को राकेश टिकैत समेत कई बड़े किसान नेताओं की मौजूदगी में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक हुई, जिसमें पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई। यह कमेटी बचे मुद्दों पर सरकार से बातचीत करेगी। लेकिन बातचीत में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का मुद्दा नहीं होगा।
पांच सदस्यीय टीम की जानकारी देते हुए कहा, ‘यह समिति लंबित मुद्दों पर सरकार से बात करेगी। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि ये नाम सरकार द्वारा मांगी गई एमएसपी समिति के लिए नहीं हैं। इस कमेटी को पीएम को लिखे हमारे पत्र में उल्लिखित लंबित मांगों पर चर्चा करना है।’
SKM has formed a commitee to discuss remaining demands with Govt.
1. Ashok Dhawle
2. Balbir Rajewal
3. Gurnam Charuni
4. Shivkumar Kakka
5. Yudhvir SinghPls note – these names are not for MSP Committee as asked by Govt. It is to discuss pending demands from our letter to PM.
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) December 4, 2021
एसकेएम की बैठक के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार से बात करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। यह सरकार से बात करने के लिए अधिकृत निकाय होगा। समिति में बलबीर सिंह राजेवाल, शिव कुमार कक्का, गुरनाम सिंह चढूनी, युद्धवीर सिंह और अशोक धवले को शामिल किया गया है।
अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी : राकेश टिकैत
टिकैत ने कहा कि किसान मोर्चा की अगली बैठक सात दिसंबर को होगी। उन्होंने कहा, ‘पांच सदस्यीय कमेटी अब आंदोलन की सरकार से रूपरेखा तैयार करेगी और जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, ये आंदोलन जारी रहेगा।’
योगेंद्र यादव बोले – एमएसपी पर बात नहीं करेगी कमेटी
दूसरी तरफ किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा, ‘आज की मीटिंग में हमने हर मुद्दे पर चर्चा की और एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो कि मुकदमे वापसी, लखीमपुर खीरी में हुई घटना व अन्य मांगों को लेकर सरकार से बातचीत करेगी। यह कमेटी एमएसपी पर गारंटी कानून को लेकर बातचीत नहीं करेगी। अब तक हमारे मुद्दों पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला है, आंदोलन जारी रहेगा।’
आंदोलन को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान बंटते नजर आ रहे
गौरतलब है कि पंजाब की 32 किसान जत्थेबंदियों के नेताओं की ओर से पहले भी कई बार आंदोलन खत्म कर घरों की ओर लौटने के बयान आ चुके हैं। वे सरकार के उठाए कदमों से संतुष्ट नजर आते हैं। लेकिन हरियाणा के कुछ किसान संगठन किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनने तक आंदोलन खत्म नहीं करना चाहते। इसी क्रम में शुक्रवार को एसकेएम के किसान नेताओं की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ कई घंटों तक चली बैठक बेनतीजा रही थी।