स्वीडन की पहली महिला प्रधानमंत्री मैग्डलेना को नियुक्ति के कुछ घंटों बाद ही देना पड़ा इस्तीफा
कोपेनहेगन, 25 नवंबर। स्वीडन की पहली महिला प्रधानमंत्री मैग्डलेना एंडरसन को प्रधानमंत्री पद पर नियुक्ति के कुछ घंटों बाद ही संसद में बजट प्रस्ताव पर हार के बाद इस्तीफा देना पड़ा। इसी क्रम में उनकी गठबंधन साझीदार द ग्रीन पार्टी भी दो दलों के अल्पमत सरकार से अलग हो गई है।
बजट प्रस्ताव में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी को हार का सामना करना पड़ा
स्वीडिश सरकार को अपने बजट प्रस्ताव पर विपक्ष के 154 के मुकाबले 143 मतों से हार का सामना करना पडा। इसका नतीजा यह हुआ कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता मैग्डलेना एंडरसन ने पदभार संभालने के मात्र सात घंटे बाद ही इस्तीफा देने का निर्णय किया। मैग्डलेना का त्यागपत्र स्वीकार करने के बाद स्वीडन की संसद के अध्यक्ष ने कहा कि वह देश के आठ दलों के नेताओं से स्थिति पर विचार-विमर्श करेंगे और अगले निर्णय की घोषणा करेंगे।
Update: Magdalena Andersson resigned after less than 12 hours as Sweden's first female prime minister after the Green Party quit their two-party coalition, stoking political uncertainty. Read more here: https://t.co/7KpWsBGrn7 pic.twitter.com/SVmRdWdj3F
— Reuters Asia (@ReutersAsia) November 25, 2021
गौरतलब है कि स्वीडन की संसद ने बुधवार को ही एंडरसन के रूप में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री का चुनाव किया था। स्वीडन के संविधान के अनुसार यदि 175 सांसद किसी उम्मीदवार के खिलाफ नहीं हैं तो उसे प्रधानमंत्री नियुक्त किया जा सकता है। 349 सदस्यीय संसद में 117 सदस्यों ने एंडरसन के पक्ष में और 174 ने विरोध में मतदान किया था।
स्टीफन लोफवेन की जगह एंडरसन को बनाया गया था पीएम
मैग्डलेना को स्टीफन लोफवेन की जगह प्रधानमंत्री बनाया गया था। दरअसल लोफवेन ने इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जोफवेन फिलहाल कार्यवाहक प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। एंडरसन इससे पहले वित्त मंत्री थीं।
वैधता को लेकर उठाए गए सवाल से हुईं नाराज
इस्तीफे के बाद मैग्डलेना ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री बनना उनके लिए सम्मान की बात है। लेकिन वह ऐसी सरकार का नेतृत्व भी नहीं करना चाहतीं, जहां उसकी वैधता को लेकर सवाल उठाया जा सकता है।उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए अगर उसका एक दल सरकार से अलग होता है। इस तथ्य के बावजूद कि संसद की स्थिति में बदलाव नहीं हुआ है और इसे फिर से आजमाने की जरूरत है।