राष्ट्रपति कोविंद दो दिनी दौरे पर कानपुर पहुंचे, कहा – गुमनाम सेनानियों का योगदान सामने आना चाहिए
कानपुर, 24 नवंबर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि गुमनाम सेनानियों का योगदान भी देशवासियों के सामने आना चाहिए। उत्तर प्रदेश के अपने दो दिवसीय दौरे पर औद्योगिक नगरी आए राष्ट्रपति कोविंद ने बुधवार को स्व. हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी में अपने संबोधन के दौरान यह बात कही।
बर्रा मेहरवान सिंहपुरवा स्थित चौधरी हरमोहन सिंह पैरामेडिकल सांइस एण्ड नर्सिंग इन्स्टीट्यूशन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘चौधरी हरमोहन सिंह मुझसे कहा करते थे कि क्षेत्र का विकास न हो रहा हो तो शिक्षण संस्थान खोल देने चाहिए। बच्चे शिक्षित होंगे तो भविष्य में विकास जरूर होगा और चौधरी साहब ने वही किया।’
LIVE: President Kovind addresses the birth centenary celebrations of Chaudhary Harmohan Singh Yadav at Kanpur https://t.co/J4GYeivx65
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 24, 2021
राष्ट्रपति ने कहा, ‘देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं और हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। दो साल तक चलने वाले इस महोत्सव में गुमनाम सेनानियों को सामने लाने का प्रयास होगा। नानाजी पेशवा, लक्ष्मीबाई के योगदान को तो सभी जानते हैं, लेकिन मैनावती और अजीजन बाई के बलिदान से लोग परिचित नहीं हैं। जय देव कपूर और शिव वर्मा के बारे में लोग कम जानते हैं। न जाने कितने गुमनाम हैं, जिन्होंने देश की आजादी के लिए जान गवां दी। ऐसे सेनानियों के योगदान भी सामने आने चाहिए।
चौधरी सुखराम सिंह के परिजनों से की मुलाकात
मेहरबान सिंह का पुरवा में हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद राष्ट्रपति संस्थान में बने अतिथि ग्रह में पहुंचे, जहां उन्होंने चौधरी स्वर्गीय चौधरी हरमोहन सिंह यादव के परिजनों से भी मुलाकात की। पूर्व सांसद चौधरी हरमोहन सिंह यादव एक शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्हें 1984 के दंगों के दौरान कानपुर में, अनुकरणीय बहादुरी के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। के
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने की राष्ट्रपति कोविंद की अगवानी
इसके पूर्व चकेरी स्थित सिविल एयरोड्रम पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति कोविंद की अगवानी की।
एचबीटीयू के शताब्दी समारोह में शिरकत करेंगे
राष्ट्रपति आज रात्रि विश्राम सर्किट हाउस में करेंगे और 25 नवंबर को हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के
शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे। वह वहां एक कॉफी टेबल बुक, विश्वविद्यालय इतिहास पुस्तिका और विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह स्मारक सिक्का फोटो, डाक टिकट तथा विशेष लिफाफा जारी करेंगे।
इस अवसर पर राष्ट्रपति कुलपति आवास और विभिन्न छात्रावासों सहित 10 भवनों का उद्घाटन भी करेंगे। हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय, राज्य का एक प्रमुख तकनीकी विश्वविद्यालय है। इसका नाम ब्रिटिश भारत में संयुक्त प्रांत के गवर्नर सर स्पेंसर हरकोर्ट बटलर के नाम पर रखा गया था। यह देश के सबसे पुराने इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक है।