1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. राज्य बच्चों और छात्रों को कोविड-19 टीकाकरण राजदूत बना सकते हैः डॉ. मनसुख मंडाविया
राज्य बच्चों और छात्रों को कोविड-19 टीकाकरण राजदूत बना सकते हैः डॉ. मनसुख मंडाविया

राज्य बच्चों और छात्रों को कोविड-19 टीकाकरण राजदूत बना सकते हैः डॉ. मनसुख मंडाविया

0
Social Share

दिल्हीः “हम कोविड-19 टीकाकरण के अंतिम चरण में हैं। आइए हम टीकाकरण की गति बढ़ाकर और इसकी कवरेज का विस्तार करके पूर्ण कोविड-19 टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए एक जोरदार अभियान की शुरूआत करें। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज यह बात मणिपुर, मेघालय, नगालैंड और पुद्दुचेरी के स्वास्थ्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित वर्चुअल बैठक के दौरान कही। मंडाविया इन राज्‍यों में कोविड-19 टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा करने के लिए आयोजित इस बैठक की अध्‍यक्षता कर रहे थे। उन्‍होंने हर घर दस्‍तक अभियान के तहत हुई प्रगति की भी समीक्षा की। इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कम टीकाकरण होने की रिपोर्ट प्राप्‍त हुई है। जबकि भारत की पहली खुराक कवरेज 82 प्रतिशत और दूसरी खुराक कवरेज 43 प्रतिशत है, पुद्दुचेरी में यह कवरेज क्रमश: 66 प्रतिशत और 39 प्रतिशत, नगालैंड में 49 प्रतिशत और 36 प्रतिशत, मेघालय में 57 प्रतिशत और 38 प्रतिशत तथा मणिपुर में 54 प्रतिशत और 36 प्रतिशत है। इस प्रकार ये राज्‍य/केंद्र शासित प्रदेश अपनी पहली और दूसरी खुराक की कवरेज में राष्ट्रीय औसत से पीछे चल रहे हैं।

मंडाविया ने यह दोहराया कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण सबसे शक्तिशाली हथियार है, उन्‍होंने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से यह अनुरोध किया कि‍ गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), विश्वास-आधारित संगठनों, धार्मिक नेताओं, समुदाय के प्रभावशाली व्‍यक्तियों और अन्य भागीदारों सहित विभिन्न हितधारकों को पूर्ण कोविड टीकाकरण करने के लिए सभी पात्र आबादी को प्रेरित और संगठित करने के काम में शामिल किया जाये। उन्‍होंने कहा कि आइए हम सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र नागरिक देश में कोविड वैक्सीन के ‘सुरक्षा कवच’ के बिना न रह जाए और झिझक, गलत जानकारी और अंधविश्वास जैसे मुद्दों को भी दूर किया जाए।

डॉ. मनसुख मंडाविया ने राज्यों से यह अनुरोध किया कि राज्‍य के अधिकारियों को हर सप्‍ताह एक दिन पूर्ण वैक्‍सीन टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए प्रत्‍येक पात्र घर में जाने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने गांव में अग्रिम रूप से प्रचार टोली तैनात करने समेत ‘हर घर दस्तक’ अभियान को मजबूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री की मोप-अप रणनीतियों को दोहराया। इनसे गांव में जागरूकता अभियानों के साथ-साथ पात्र आबादी को जुटाना और उन्‍हें परामर्श सुनिश्चित होगा एवं लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। इसके बाद ‘टीकाकरण टोली’ होगी जो यह सुनिश्चित करेगी कि सभी पात्र नागरिकों को टीकाकरण की पहली और दूसरी खुराक दी जाए। मैंने अभी हाल ही में अरुणाचल प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान “पूरी तरह से टीकाकरण वाले घर” के स्टिकर के उपयोग को देखा है। इसी तरह की नवाचारी रणनीतियों का उपयोग अन्य राज्यों में भी किया जा सकता है। राज्य बच्चों और छात्रों को कोविड-19 टीकाकरण राजदूत बना सकते हैं ताकि वे अपने परिवारों और समुदायों के बुजुर्ग और पात्र सदस्यों को कोविड-19 वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के लिए प्रेरित कर सकें।

डॉ. मंडाविया ने राज्यों से जिला वार सूक्ष्‍म योजनाएँ बनाने, पर्याप्त संख्या में दल तैनात करने और टीकाकरण का कम प्रदर्शन करने वाले जिलों की दैनिक प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा किए जाने का आह्वान किया। राज्‍यों से यह भी अनुरोध किया कि वे हिचकिचाहट के लिए लक्षित समूहों से निपटने के नवाचारी लघु वीडियो बनाने के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक मीडिया मंचों और पारंपरागत मीडिया का प्रभावी उपयोग भी करें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने चल रहे ‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत टीकाकरण अभियान के व्यापक विस्तार को रोकने वाले विशिष्ट कारणों को जानने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बातचीत की। उन्हें राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा झिझक के मुद्दों से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों से भी अवगत कराया गया।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code