लखनऊ, 12 नवंबर। उत्तर प्रदेश में पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति समेत तीन आरोपितों को एमपी-एमएलए कोर्ट ने चित्रकूट गैंगरेप मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों पर दो-दो लाख का जुर्माना भी लगाया है।
एमपी-एमएलए कोर्ट ने 10 नवंबर को दोषी करार दिया था
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने गत 10 नवबंर को गायत्री प्रजपति, अशोक तिवारी और आशीष शुक्ल को मामले में दोषी करार दिया था। कोर्ट ने चार अन्य अभियुक्तों को बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया था।
गौरतलब है कि 18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की याचिका पर दिया था।
पीड़िता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया था मुकदमा दर्ज करने का आदेश
पीड़िता ने गायत्री प्रजापति व उनके साथियों पर गैंगेरप का आरोप लगाते हुए, अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी जबरन शारीरिक संबध बनाने का आरोप लगाया था। इसके बाद गायत्री समेत सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।
पॉक्सो की विशेष अदालत ने 18 जुलाई, 2017 को इस मामले में गायत्री समेत सभी सात अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी, 354 ए(1), 509, 504 व 506 में आरोप तय किया था। साथ ही गायत्री, विकास, आशीष व अशोक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 5जी व 6 के तहत भी आरोप तय किया था। बाद में इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए की विशेष अदालत को स्थानांतरित कर दी गई थी।