आगरा, 21 अक्टूबर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने चोरी के आरोप में पूछताछ के दौरान पुलिस हिरासत में मृत सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि के परिजनो से मुलाकात की और उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। प्रियंका गांधी बुधवार की रात करीब 11 बजे मृतक के ताजगंज स्थित आवास पहुंचीं। उनके साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पूर्व प्रत्याशी प्रमोद कृष्णम थे। प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवार को न्याय की लड़ाई में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया।
प्रियंका गांधी बुधवार पूर्वान्ह आगरा के लिए निकली थीं, लेकिन आगरा एक्सप्रेस वे के इंट्री प्वॉइंट पर उनके काफिले को रोक लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने कानून व्यवस्था बिगड़ने का अंदेशा जताते हुए कांग्रेसी नेता से लौटने का अनुरोध किया, मगर वह आगरा जाने पर अड़ी रहीं।
करीब 100 वाहनों के काफिले में मौजूद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने इस बीच जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पार्टी समर्थकों और पुलिस अधिकारियों के बीच नोकझोंक और धक्का मुक्की भी हुई। अधिकारियों ने पार्टी महासचिव को आश्वस्त किया कि मृतक सफाईकर्मी के अंतिम संस्कार के बाद उन्हे जाने की इजाजत दे दी जाएगी, लेकिन कांग्रेसियों के शोर गुल और ट्रैफिक पर बढते दवाब के चलते उन्हे हिरासत में ले लिया गया। प्रियंका गांधी को ले जाने के दौरान भी पुलिस और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच धक्का मुक्की हुयी। उन्हे पुलिस लाइन ले जाया गया जहां करीब एक घंटा रखने के बाद शाम करीब साढ़े पांच बजे चार लोगों के साथ आगरा जाने की इजाजत दे दी गई।
हिरासत में लिए जाते वक्त श्रीमती वाड्रा ने कहा कि उनके रास्ते पर यूपी सरकार जितने भी रोड़े बिछाये, उनके कदम पीछे नहीं हटेंगे। इससे पहले पुलिस के रवैये की आलोचना करते हुये श्रीमती वाड्रा ने ट्वीट किया, ‘अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उप्र सरकार को डर किस बात का है। क्यों मुझे रोका जा रहा है। आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं।’