लखनऊ, 13 अगस्त। उत्तर प्रदेश में प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसके चलते राज्य में 24 जिलों के छह सौ से ज्यादा गांवों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्य में बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या 605 हो गई है। इनमें हमीरपुर, बांदा, इटावा, जालौन, वाराणसी, कौशांबी, चंदौली, हाजीपुर, औरैया, कानपुर देहात, प्रयागराज, फर्रुखाबाद, आगरा, बलिया, मिर्जापुर, गोरखपुर, सीतापुर, मऊ, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बहराइच, गोंडा, कानपुर नगर और फतेहपुर के गांव शामिल हैं।
प्रदेश के राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने बताया कि बदायूं, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर बलिया आदि जिलों में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसी प्रकार औरेया, जालौन, हमीरपुर, बांदा व प्रयागराज जिलों में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि बेतवा नदी हमीरपुर में उफान पर है। लखीमपुर खीरी में शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसी तरह गोंडा में कुवानो उत्तर प्रदेश-राजस्थान सीमा पर चंबल में बह रही है।
हमीरपुर के हालात सबसे ज्यादा खराब
हमीरपुर के सबसे ज्यादा 75 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इसके अलावा, बांदा के 71 तथा इटावा और जालौन के 67-67 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित 110 गांवों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया है।
राज्य में कुल 940 राहत शिविरों की स्थापना
बाढ़ के मद्देनजर राज्य में कुल 940 राहत शिविरों की स्थापना की गई है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाने तथा राहत सामग्री पहुंचाने के लिए कुल 1,463 नौकाओं का संचालन किया जा रहा है। राज्य में बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए 1,125 चौकियां स्थापित की गई हैं।
बाढ़ क्षेत्रों में चिकित्सीय सहायता के लिए कुल 504 मेडिकल टीमें गठित की गई हैं। बाढ़ प्रभावित विभिन्न जिलों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), एसडीआरएफ और पीएसी की कुल 59 टीमें तैनात की गई हैं।
वाराणसी में घटने लगा गंगा का जलस्तर
इस बीच वाराणसी में सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर घटने लगा है। वाराणसी स्थित केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के अनुसार शुक्रवार, 13 अगस्त को सुबह 7.00 बजे तक वाराणसी में गंगा का जलस्तर 72.28 मीटर पर था, जिसमें एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घटाव रिकॉर्ड किया गया है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान (71.26 मीटर) को पार करने के बाद सुबह 72.28 मीटर पर था जबकि यहां सामान्य जलस्तर 66.599 मीटर है।
गंगा और वरुणा के पानी से शहर से लेकर गांव तक 40 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। राजघाट स्थित मालवीय पुल से गुजरने वाली ट्रेनों की स्पीड 10 किमी प्रति घंटे तय की गई है। टिकरी में बना अस्थाई बंधा भी टूट गया है। इससे गंगा का पानी बस्तियों में घुस रहा है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एनडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी मुस्तैद है।