नई दिल्ली, 9 अगस्त। भारतीय रेलवे जीरो कार्बन उत्सर्जन मिशन के अंतर्गत अब हरित परिवहन प्रणाली विकसित करने जा रही है। इस क्रम में उत्तर रेलवे के 89 किलोमीटर लम्बे सोनीपत-जिंद सेक्शन पर देश की पहली हाइड्रोजन फ्यूल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है।
रेल मंत्रालय के एडीजी पीआरओ राजीव जैन ने बताया कि यह शुरुआत अभी ट्रायल के तौर पर होगी। इस ट्रायल के सफल होने के आने वाले दिनों में डीजल से चलने वाली सभी ट्रेनें हाइड्रोजन से चलेंगी। रेलवे में यह बड़ा क्रांतिकारी बदलाव होगा। इससे रेलवे को न केवल डीजल की बचत होगी बल्कि पर्यावरण के लिहाज से भी हाइड्रो फ्यूल ज्यादा फायदेमंद होगा।
अब तक सिर्फ जर्मनी और पोलैंड में ही हाइड्रो फ्यूल ट्रेनें
गौरतलब है कि अब तक दुनिया के केवल दो देशों – जर्मनी और पोलैंड ने ही हाइड्रो फ्यूल से ट्रेनें चलाने में सफलता प्राप्त की है।
इस बीच उत्तर रेलवे के जन सम्पर्क अधिकारी दीपक कुमार ने एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए जानकारी दी कि भारतीय रेल वैकल्पिक ईंधन संगठन (आईआरओएएफ) के हरित ईंधन प्रभाग ने उत्तर रेलवे के सोनीपत-जिंद सेक्शन पर हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित ट्रेन चलाने के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं।
इस प्रायोजन के लिए निविदा-पूर्व दो बैठकें क्रमशः दिनांक 17 अगस्त एवं नौ सितम्बर को निर्धारित की गई हैं। प्रस्ताव देने की तिथि 21 सितम्बर तथा टेंडर खुलने की तिथि इसी वर्ष पांच अक्टूबर निर्धारित की गई है।
दीपक कुमार ने बताया कि पेरिस वातावरण समझौता 2015 के अंतर्गत ग्रीन हाउस गैसेज को कम करने तथा रेलवे द्वारा जीरो कार्बन उत्सर्जन मिशन के अंतर्गत 2030 तक लक्ष्य प्राप्ति हेतु रेलवे ने सोनीपत-जिंद सेक्शन पर 2 डी.एम.यू. रैक को फ्यूल सेल पावर्ड हाईब्रिड ट्रैक्शन सिस्टम से चलाने का निश्चय किया है। इसके तहत हाइड्रोजन फ्यूल आधारित ट्रेन का संचालन किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक बजटीय सहायता भी उपलब्ध कराई गई है।