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डॉक्टर्स डे पर बोले पीएम मोदी – चिकित्सकों और कोरोना योद्धाओं को लाखों जिंदगियां बचाने का सर्वाधिक श्रेय

डॉक्टर्स डे पर बोले पीएम मोदी – चिकित्सकों और कोरोना योद्धाओं को लाखों जिंदगियां बचाने का सर्वाधिक श्रेय

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नई दिल्ली, 1 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान देशभर के चिकित्सा जगत के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि पिछले लगभग डेढ़ वर्ष के दौरान लाखों लोगों की जान बचाने का सर्वाधिक श्रेय चिकित्सकों, स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और अग्रिम रहकर मदद करने वाले कोरोना योद्धाओं को जाता है।

ये डॉक्टर ही हैं, जो वायरस की चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर रहे
डॉक्टर्स डे के मौके पर गुरुवार को इंडियन मेडिकल असोसिएशन (आईएमए) की ओर से आयोजित एक समारोह में देश के चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में जितनी चुनौतियां आईं, देश के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने उतने ही समाधान तलाशे और कारगर दवाएं बनाईं। उन्होंने कहा कि यह वायरस नया है और यह नए-नए स्वरूप भी ले रहा है, लेकिन चिकित्सकों की जानकारी और उनके अनुभव वायरस के खतरों और चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर रहे हैं।

गौरतलब है कि महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय की याद में हर वर्ष एक जुलाई को देशभर में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (नेशनल डॉक्टर्स डे) मनाया जाता है। इसी दिन डॉक्टर रॉय की जयंती और पुण्यतिथि पड़ती है।

देश कोरोना से जीतेगा, विकास के नए आयाम भी हासिल करेगा
पीएम मोदी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, ‘हमारा देश कोरोना से जीतेगा और विकास के नए आयाम भी हासिल करेगा।’ उन्होंने चिकित्सक समुदाय से कोरोना से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन करने और टीकाकरण अभियान में और अधिक सक्रियता से भूमिका निभाने की अपील करते हुए कहा, ‘आप अपनी इस भूमिका को और सक्रियता से निभाएं और अपना दायरा और ज्यादा बढ़ाएं।’

केंद्र में सत्तारूढ़ रहीं पूर्ववर्ती सरकारों पर बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे की अनदेखी का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश पर जिस तरह जनसंख्या का दबाव है, वह कोविड-19 की ताजा चुनौती को और कठिन बना देता है। उन्होंने कहा, ‘कोरोना के दौरान यदि हम प्रति लाख जनसंख्या के हिसाब से संक्रमण को देखें या मृत्यु दर को देखें तो भारत की स्थिति बड़े-बड़े विकसित और समृद्ध देशों की तुलना में कहीं संभली हुई रही है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी एक जीवन का असमय समाप्त होना भी दुखद है, लेकिन भारत ने कोरोना से लाखों लोगों का जीवन बचाया है और इसका बहुत बड़ा श्रेय देश के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों को जाता है।

पिछले कई वर्षों से स्वास्थ्यगत ढांचे पर सरकार का जोर
पीएम मोदी ने दावा किया, ‘यह हमारी सरकार ही है, जिसने पिछले वर्षों में स्वास्थ्यगत ढांचे पर सर्वाधिक जोर दिया है। इस वर्ष स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट का आवंटन दोगुने से भी ज्यादा यानी दो लाख करोड रुपये से भी अधिक किया गया। अब हम ऐसे क्षेत्रों में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की एक क्रेडिट गारंटी योजना लेकर आए हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है।’

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक देश में जहां सिर्फ छह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) संचालित होते थे वहीं पिछले सात वर्षों में 15 नए एम्स का काम शुरू हुआ है और चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या में भी डेढ़ गुना वृद्धि हुई है।

चिकित्सकों की सुरक्षा को केंद्र सरकार प्रतिबद्ध
चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने चिकित्सकों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए पिछले वर्ष कानून में कई कड़े प्रावधान किए हैं।

योग को और अधिक प्रचारित-प्रसारित करें डॉक्टर
पीएम मोदी ने चिकित्सकों से योग को और अधिक प्रचारित व प्रसारित करने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें कोरोना काल के अपने अनुभवों के बारे में दस्तावेज तैयार करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी को इसका लाभ मिले और दुनिया को चिकित्सा से जुड़ी कई जटिल समस्याओं का समाधान मिले। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया जाता है तो वह भविष्य में पूरी मानवता के लिए मददगार साबित होगा।

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