1. Home
  2. हिन्दी
  3. जीएसटी बैठक: केंद्र सरकार नुकसान की भरपाई के लिए फिर लेगी 1.58 लाख करोड़ रुपये का कर्ज
जीएसटी बैठक: केंद्र सरकार नुकसान की भरपाई के लिए फिर लेगी 1.58 लाख करोड़ रुपये का कर्ज

जीएसटी बैठक: केंद्र सरकार नुकसान की भरपाई के लिए फिर लेगी 1.58 लाख करोड़ रुपये का कर्ज

0
Social Share

नई दिल्ली, 29 मई। केंद्र सरकार ने कोविड-19 के दौरान उभरे अन्य संक्रमण ब्लैक फंगस (या म्यूकोरमाइकोसिस) के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा के आयात शुल्क में छूट देने का फैसला किया है, लेकिन कोविड-19 के इलाज में उपयोग की जाने वालीं दवाओं व चिकित्सा उपकरणों पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की दर यथावत रहेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार की देर शाम जीएसटी परिषद की 43वीं बैठक में ये निर्णय किए गए। वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक के बाद वित्त मंत्री ने बताया कि चिकित्सा सामग्री और टीके पर कर ढांचे को लेकर मंत्रियों का समूह विचार विमर्श करेगा। परिषद में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और प्रतिनिधि शामिल हैं।

निर्मला सीतारमण ने बताया कि परिषद ने ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा एम्फोटेरिसिन- बी के आयात को एकीकृत जीएसटी से छूट देने का फैसला लिया गया है। इस पर वर्तमान में पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।

सीतारमण ने कहा, ‘राज्यों की जीएसटी राजस्व की क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र सरकार पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी कर्ज उठाएगी और उसे राज्यों को जारी करेगी। इस वर्ष यह राशि 1.58 लाख करोड़ रुपये होगी।’

केंद्र ने पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में राज्यों के जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए उनकी तरफ से कर्ज लिया था और उन्हें 1.10 लाख करोड़ रुपए जारी किये थे। इसके अलावा 68,700 करोड़ रुपये सेस के जरिये संग्रह किए गए थे।

उपकर व्यवस्था के मुद्दे पर जीएसटी का विशेष सत्र होगा

जीएसटी व्यवस्था लागू होने के समय शुरू की गई उपकर (सेस) व्यवस्था के बारे में निर्मला ने कहा कि जुलाई, 2022 के बाद भी इसे लागू रखने के मुद्दे पर विचार करने के लिए जीएसटी परिषद का एक विशेष सत्र बुलाया जाएगा, जिसमें केवल इस बारे में ही चर्चा होगी।

गौरतलब है कि जुलाई, 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू करते समय राज्यों को पांच वर्षों तक उनकी राजस्व में आने वाली कमी की भरपाई के लिए कुछ खास वस्तुओं पर उपकर लगाने की व्यवस्था शुरू की गई थी। उपकर से मिलने वाली राशि को राज्यों को उनकी राजस्व भरपाई के लिए जारी किया जाता है। इस बीच परिषद की बैठक में छोटे करदाताओं को माफी योजना के जरिए देरी से रिटर्न फाइल करने पर राहत की भी घोषणा की गई है।

वित्तीय वर्ष 2021-21 में 2.7 लाख करोड़ की दरकार

समझा जाता है कि राज्यों को दी जाने वाली जीएसटी भरपाई में चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 2.7 लाख करोड़ रुपये की कमी रहेगी। केंद्र को उम्मीद है कि लग्जरी, अहितकर वस्तुओं पर लगाए जाने वाले उपकर से 1.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि प्राप्त होगी। यह राशि जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से राज्यों के राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाएगी।

जीएसटी राजस्व में 17% बढ़ोतरी का अनुमान

ज्ञातव्य है कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में जीएसटी राजस्व में 17 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान रखा गया था। इस लिहाज से मासिक सकल जीएसटी राजस्व 1.1 लाख करोड़ रुपये बैठता है। फरवरी, 2021 से जनवरी, 2022 के बीच की अवधि में संरक्षित राजस्व और वास्तविक राजस्व में कमी, क्षतिपूर्ति जारी करने के बाद 1.6 लाख करोड़ रुपये के करीब रहेगी।

tags:

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code