
उत्तराखंड : चमोली हिमस्खलन की चपेट में आए 4 श्रमिकों की मौत, 46 सुरक्षित, 5 की तलाश जारी
देहरादून, 1 मार्च। उत्तराखंड में भारी हिमपात के बीच चमोली जिले के माणा गांव स्थित सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के शिविर में हिमस्खलन के कारण कई फुट बर्फ के नीचे फंसे श्रमिकों में से चार की मौत हो गई जबकि 49 को सुरक्षित निकाल लिया गया। इस बीच, फंसे हुए पांच श्रमिकों को निकालने के लिए शनिवार को फिर से बचाव अभियान शुरू किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार रात तक 33 श्रमिकों को निकाल लिया गया था। सेना के अनुसार, शुक्रवार को सुबह साढ़े पांच से छह बजे के बीच हुए हिमस्खलन के कारण माणा और बदरीनाथ के मध्य स्थित बीआरओ का शिविर बर्फ में समा गया था जिससे आठ कंटेनर और एक शेड में 55 श्रमिक फंस गए थे। शुक्रवार को बारिश और बर्फबारी के कारण बचाव अभियान में बाधा उत्पन्न हुई और रात में अभियान को कुछ देर के लिए रोक दिया गया। शनिवार को मौसम साफ होने पर बचाव अभियान में हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को बचाव अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धामी से बात की और उन्हें पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.के. जोशी ने बताया कि माणा में तैनात सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने सुबह बचाव अभियान फिर से शुरू किया। सूत्रों ने बताया कि हिमस्खलन वाली जगह पर एक श्रमिक मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि 49 श्रमिकों को बचा लिया गया है और बाकी पांच की तलाश जारी है। बचाए गए श्रमिकों में से 11 को ज्योतिर्मठ में सेना के अस्पताल में लाया गया है। उनमें से एक की हालत गंभीर है, कुछ लोगों की हड्डी टूट गई है और अन्य को मामूली चोटें आई हैं।
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि एक को छोड़कर सभी की हालत स्थिर है और अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा आवश्यक जांच की जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि मौसम फिर से खराब हो रहा है और बचाव अभियान धीमा पड़ सकता है।
तिवारी ने बताया कि हालांकि, सेना के हेलीकॉप्टर अभियान में जुटे हुए हैं और अगर मौसम अनुकूल रहा तो हम जल्द ही शेष श्रमिकों का पता लगा लेंगे। धामी ने हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने एक घायल मजदूर से भी बातचीत की, जिसे इलाज के लिए ज्योतिर्मठ ले जाया जा रहा था।
धामी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चमोली जिले में माणा के निकट हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर मौके पर जारी राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान सुरक्षित बाहर निकाले गए श्रमिकों का कुशलक्षेम जाना।’’ उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही बचाव कार्य में जुटे सैन्य अधिकारियों एवं प्रशासनिक टीमों से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। सरकार संकट की इस घड़ी में प्रभावितों की हरसंभव सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’’
धामी ने कहा कि प्रभावित श्रमिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और प्रशासन, सेना तथा एसडीआरएफ के दल लगातार राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। एक अन्य पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने फोन पर बात कर जनपद चमोली के माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान की जानकारी ली।’’
उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही उन्होंने प्रदेश में हो रही बारिश और हिमपात की स्थिति पर भी विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान किए जाने का आश्वासन दिया।’’ बदरीनाथ से तीन किलोमीटर दूर स्थित माणा भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव है।