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1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य यशपाल शर्मा का निधन, पूर्व क्रिकेटर को पड़ा दिल का दौरा

1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य यशपाल शर्मा का निधन, पूर्व क्रिकेटर को पड़ा दिल का दौरा

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नई दिल्ली, 13 जुलाई। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और 1983 में पहली बार विश्व कप जीतने वाली राष्ट्रीय टीम का अंग रहे यशपाल शर्मा का मंगलवार की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। यशपाल के समकालीन साथी क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने बताया कि आज सुबह वह मॉर्निंग वॉक से लौटे, तब उन्हें सीने में दर्द हुआ था। उसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

66 वर्षीय दिवंगत क्रिकेटर के शोक संतप्त परिवार में पत्नी व तीन बच्चे हैं। बच्चे विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं। वह मूलतः पंजाब के लुधियाना शहर के रहने वाले वाले थे। उनका जन्म 11 अगस्त, 1954 को हुआ था।

पंजाब में स्कूली टीम से खेलते हुए यशपाल ने 260 रनों का जो पहाड़ सरीखा स्कोर बनाया था, उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद यशपाल भारतीय क्रिकेट टीम के राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रह चुके थे। वह पंजाब और हरियाणा क्रिकेट के साथ भी कई अलग-अलग भूमिकाओं में जुड़े थे।

मध्यक्रम बल्लेबाज की हैसियत से खेलने वाले यशपाल ने 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में अपने टेस्ट करिअर की शुरुआत की थी जबकि 1983 में उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच खेला था। यशपाल के एक दिनी अंतरराष्ट्रीय करिअर की शुरुआत 1978 में हुई थी और यह सफर 1985 तक चला था।

साथी क्रिकेटरों ने यशपाल को दी श्रद्धांजलि

इस बीच पूर्व कप्तानों – कपिल देव, दिलीप वेंगसरकर व मदन लाल सहित यशपाल के समकालीन साथी क्रिकेटरों ने उनके निधर पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

खुद को संभाल नहीं पा रहा हूं : कपिल देव

1983 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान रहे कपिल देव तो अपने साथी क्रिकेटर को याद करते हुए एक टीवी चैनल पर रो पड़े। उन्होंने कहा, ‘मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं उनकी मौत की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। मैं अपने को संभाल नहीं पा रहा हूं।’

दिलीप वेंगसरकर ने कहा, ‘हम दोनों अच्छे दोस्ते थे। उनके निधन की खबर पर मुझे यकीन नहीं हो रहा है।’

विश्व विजेता टीम में यशपाल के साथ खेलने वाले मदनलाल ने कहा कि वह विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘हमने पंजाब से खेल की शुरुआत की थी, फिर वर्ल्डकप में हम एक साथ खेले।’ मदनलाल ने कहा कि अभी कपिल देव और टीम के अन्य सदस्यों से भी बात हुई है, हर कोई इस खबर से हैरान है।

आज हमारा परिवार टूट गया कीर्ति आजाद

पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद ने कहा, ‘आज हमारा परिवार टूट गया है। यशपाल शर्मा ने ही 1983 विश्व कप जीत का एजेंडा तय किया था। अभी हमने 25 जून को ही मुलाकात की थी, तब वह काफी खुश थे। हमारी टीम में वो सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक थे।’

भारत के लिए 37 टेस्ट व 42 वनडे खेले

यशपाल शर्मा ने भारत के लिए कुल 37 टेस्ट मैच खेले थे और लगभग 34 के औसत से दो शतक व नौ अर्धशतक सहित 1,606 रन बनाए थे। वहीं, कुल 42 वनडे मैच में उन्होंने 883 रन बनाए थे।

विश्व कप विजेता टीम के अहम सदस्य थे

यशपाल 1983 विश्व कप जीतने वाली टीम का अहम हिस्सा थे। वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए पहले मैच में उन्होंने 89 रनों की शानदार पारी खेली थी, जिसमें टीम इंडिया की जीत हासिल हुई थी। इसके अलावा सेमीफाइनल में भी यशपाल शर्मा ने 61 रनों की पारी खेली थी, तब भारत ने इंग्लैंड को मात दी थी।

विश्व कप के बाद ढलान पर था करिअर

हालाकि 85 विश्व कप के बाद यशपाल शर्मा का करिअर लगातार ढलान की ओर जाने लगा। खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें पहले टेस्ट टीम से बाहर किया गया। उसके बाद वह एक दिनी में भी वापसी नहीं कर सके।

दिलीप कुमार के धुर प्रशंसक थे यशपाल
दिलचस्प यह है कि यशपाल दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता दिलीप कुमार के, जिनका हाल ही में निधन हो गया था, धुर प्रशंसक थे। यशपाल को बेहतरीन क्रिकेटर बनाने में दिलीप कुमार की भी बड़ी भूमिका थी। खुद यशपाल शर्मा इस बात को स्वीकार किया था। उन्होंने कहा था, ‘जब तक मैं जिंदा हूं, दिलीप साहब मेरे पसंदीदा रहेंगे। लोग उन्हें दिलीप कुमार कहते हैं, मैं उन्हें यूसुफ भाई कहता हूं। उन्होंने ही क्रिकेट में मेरी जिंदगी को बनाया था।’

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