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आगरा में 18 बांग्लादेशियों को 3 साल की सजा, फर्जी दस्तावेजों के जरिए कर रहे थे निवास

आगरा में 18 बांग्लादेशियों को 3 साल की सजा, फर्जी दस्तावेजों के जरिए कर रहे थे निवास

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आगरा, 22 जुलाई। उत्तर प्रदेश आगरा की सीजेएम कोर्ट ने 18 बंग्लादेशियों को 3 साल की सजा सुनाई है। ये लोग फर्जी कागजों के साथ आवास विकास कालोनी के सेक्टर 14 में रह रहे थे। साल 2023 में पुलिस ने 28 लोगों को पकड़ा था। जिनमें 10 लोगों का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। 2 साल बाद अदालत के निर्णय में 18 लोगों को दोषी पाया है। इन्हें 3 साल का कारावास सुनाया गया है।

पुलिस की खुफिया एजेंसियों की सूचना पर थाना सिकंदरा ने 5 फरवरी 2023 को आवास विकास सेक्टर 14 में छापा मारा था। यहां बांग्लादेशियों ने एक अवैध बस्ती बसा ली थी। पुलिस ने 28 लोगों को अरेस्ट किया। ये सभी बंग्लादेशी नागरिक थे। पकड़े गए लोगों 35 आधार कार्ड एक पेन कार्ड बरामद हुआ था। जांच करने पर ये सभी फर्जी पाए गए।

10 के खिलाफ लंबित है मामला

एसआई गौरव कटियार की तहरीर पर 28 लोगों पर विदेशी अधिनियम, धोखाधड़ी करने समेत कई धाराओं में केस दर्ज हुआ था। 31 मार्च 2023 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। मामले में अभियोजन पक्ष की कड़ी पैरवी और साक्ष्यों के आधार पर सीजेएम की कोर्ट ने 18 बग्लादेशियों दोषी मानते हुए 3 साल की सजा सुनाई है। बाकी 10 लोगों के खिलाफ मामला अभी विचाराधीन है। इन आरोपितों में कई दंपति भी शामिल हैं।

इनमें हसन, जूली, सूमी, फातिमा बेगम, जुएल शेख, फारुख, विश्ती, रौशनारा, बबलू खान, साबिर, मोविना, हालिम, इस्लाम खान, ब्यूटी, मोविना, जोशिमा खातून, मनीरुल शेख और रविरुल शेख को सजा सुनाई है। आरोपितों ने पूरी बस्ती बसा ली थी। इनमें घरों में बिजली के मीटर, फ्रिज, कूलर समेत तमाम आराम के साजों सामान मौजूद थे। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की टीम ने बस्ती का खुलासा किया था। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने छापा मारा था।

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