यूपी में कोरोना से लड़ाई : अब हर जिले में अभिभावक बूथ, 12 वर्ष तक के बच्चों के माता-पिता को प्राथमिकता
लखनऊ, 24 मई। उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लगातार कमजोर पड़ने के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में टीकाकरण अभियान के तहत अब 12 वर्ष तक के बच्चों के अभिभावकों को प्राथमिकता देने का फैसला किया है। सरकार का यह निर्णय कोरोना की आशंकित तीसरी लहर से बचाव की तैयारियों के क्रम में है। इसका उद्देश्य बच्चों में संभावित कोरोना संक्रमण को रोकना है और इसी कारण हर जिले के वैक्सीनेशन सेंटर पर अब अभिभावक विशेष बूथ बनाया जाएगा।
- राज्यभर में कार्ययोजना बनाने का सीएम का निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जिन अभिभावकों के बच्चे 12 साल से कम उम्र के हैं, उन्हें वैक्सिनेशन में प्राथमिकता दी जाएगी। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर जिले में इसके लिए कार्ययोजना बनाई जाए। हर जिले में अभिभावक स्पेशल बूथ बनाए जाएं और ऐसे अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें टीकाकरण के लिए बुलाया जाए। इससे अभिभावक और बच्चे दोनों सुरक्षित रहेंगे।
योगी आदित्यनाथ ने अभिभावक बूथ योजना को अभियान के रूप में संचालित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक परीक्षण से यह सिद्ध हो चुका है कि कोविड की वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों का भी आह्वान किया वे प्रशासन के साथ मिलकर इस बारे में लोगों को जागरूक करें। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वैक्सिनेशन कार्यक्रम तय करते समय मांग-आपूर्ति का ध्यान रखते हुए गांवों में भी बूथ बनाए जाएं।
- विधायकों से स्वास्थ्य केंद्रों को गोद लेने का आह्वान
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को मजबूत बनाए जाने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने इसके लिए मैनपॉवर की उपलब्धता तय करने और इस कार्य में सांसद, विधायक, महापौर, पार्षदों की मदद लेने को कहा है।
उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के ऑपरेशन कायाकल्प की तर्ज पर स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग भी अभियान चला कर सुविधाओं को बेहतर करें। जनप्रतिनिधि भी एक-एक सीएचसी-पीएचसी गोद लेकर उसकी सभी सुविधाएं बेहतर कराने में योगदान दें।
- राज्य में93 फीसदी तक पहुंचा रिकवरी रेट
इस बीच राज्य में पॉजिटिविटी रेट में लगातार आ रही कमी के बीच रिकवरी रेट 93 फीसदी से अधिक हो गया है। गत 30 अप्रैल को 3,10,763 मरीज थे और तब रिकवरी रेट 74.10 फीसदी था। कोरोना काल के इस शीर्ष से यदि ताजा स्थिति की तुलना करें तो महज 23 दिनों में एक्टिव केस में लगभग 2.26 लाख की गिरावट हुई जबकि रिकवरी रेट में 19.1 फीसदी सुधार हो गया है।
- प्रदेश में रविवार को पांच हजार से कम नए केस
प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रविवार को कोरोना के पांच हजार से भी कम 4,715 नए केस मिले और 231 लोगों की मौत हुई जबकि 14,086 मरीज स्वस्थ हुए। इस प्रकार राज्य में अब 84,880 एक्टिव केस हैं। यानी इतने लोगों का विभिन्न अस्पतालों या होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है।