एसबीआई ने अपने 45 करोड़ ग्राहकों को किया आगाह – ओटीपी नंबर किसी भी हाल में शेयर न करें
नई दिल्ली, 2 जून। डिजिटल क्रांति के युग में सबकुछ ऑनलाइन हो गया है। हम अब स्मार्ट फोन पर सिर्फ कुछ क्लिक में ही पैसों के लेन-देन से लेकर खरीदारी तक सबकुछ ऑनलाइन कर रहे हैं। लेकिन हमारी इन आदतों का फायदा उठाकर साइबर फ्रॉड करने वाले हमें लगातार ठगने की फिराक में भी जुटे रहते हैं।
हकीकत यह है कि डिजिटल के इस दौर में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। जालसाज कई तरह के लुभावने ऑफर देकर लोगों को अपने जाल में फंसाने की फिराक में रहते हैं। ऐसे मामलों को देखते हुए देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों को सतर्क किया है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक ट्वीट के जरिए देशभर में अपने 45 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को आगाह किया है कि वे किसी भी हाल में अपना ओटीपी नंबर (OTP) किसी के साथ भी शेयर न करें। एसबीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा – ‘किसी भी चीज को शेयर करना ही देखभाल है। मगर जब बात ओटीपी की आती है तो इसे कभी भी और किसी के साथ भी शेयर न करें।’
Hurray! You guessed it right.
Sharing is caring! But not when it comes to OTP. Never share OTP with anyone. #StaySafe #StayVilligilant #KnowYourFinanceWithSBI #AmritMahotsav #AzadiKaAmritMahotsavWithSBI pic.twitter.com/mSPTQL4clH— State Bank of India (@TheOfficialSBI) June 1, 2022
लुभावने ऑफर में फंसते हैं साइबर अपराधी
कई बार साइबर अपराधी बैंक के ग्राहकों को फोन कर लुभावने ऑफर देकर उनका ओटीपी हासिल करने की कोशिश करते हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें साइबर ठग ग्राहकों को अपने जाल में फंसाकर उनके खाते से पलक झपकते अवैध तरीके से पैसों की निकासी कर लेते हैं।
देश में लगातार बढ़े रहे साइबर फ्रॉड के मामले
इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) के आंकड़ों के अनुसार 2018 के बाद से देश में तेजी से साइबर अपराध के मामले बढ़े हैं। 2022 के पहले दो महीनों में ही 2,12,285 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं वर्ष 2018 में 2,08,456 मामले, 2019 में 3,94,499 मामले, 2020 में 11,58,208 मामले और 2021 में 14,02,809 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए थे।
लगातार बढ़ रहे ऐसे मामलों की वजह से ही एसबीआई अपने ग्राहकों को समय-समय पर अलर्ट करता रहता है। एसबीआई ही नहीं बल्कि दूसरे बैंक यूजर्स को भी ऐसे फ्रॉड से सावधान रहने की जरूरत है।