जॉम्बी वायरस : 48 हजार वर्षों बाद सोकर उठा खतरनाक वायरस, भारत पर भी पड़ सकता है असर
नई दिल्ली, 30 नवम्बर। दुनियाभर के देश जहां अभी कोरोना वायरस के खतरे से उबरते प्रतीत हो रहे हैं वहीं अब एक नए वायरस की दस्तक की खबर सिहरन पैदा करने वाली है। दरअसल, रूस के बर्फीले इलाके में 48 हजार वर्षों से दबे खतरनाक जॉम्बी वायरस को वैज्ञानिकों ने जिंदा कर दिया है। यह खतरनाक वायरस रूस की एक झील में हजारों वर्ष पहले दफन हो गया था। लेकिन अब इसके ‘जिंदा’ होने के बाद भारत जैसे देशों के लिए भी बड़े खतरे की घंटी बज गई है।
जॉम्बी वायरस कोशिका वाले छोटे जीवों को भी संक्रमित कर देता है
भारत दुनियाभर को ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चेतावनी देता रहा है। कहा जा रहा है कि अगर दुनिया में बढ़ती गर्मी के कारण रूस और साइबेरिया की जमी बर्फ पिघलती है तो दुनिया में कोहराम मच जाएगा। जॉम्बी वायरस इतना खतरनाक है कि यह कोशिका वाले छोटे जीवों को भी संक्रमित कर देता है।
वायरस का खतरा अभी वास्तविक नहीं, लेकिन तैयारी रखनी होगी
अब सवाल उठता है कि भारत जैसे देशों को इसके लिए किस तरह की तैयारी करनी होगी? दरअसल, कोरोना के बाद से दुनिया अब आने वाली महामारी की काट खोजने में जुटी है। भारत जैसे देश भी ऐसे वायरस से निबटने में सक्षम है। लेकिन कोरोना ने जो त्रासदी दुनिया को दी है, वो डराने वाली थी। हालांकि, जॉम्बी वायरस का खतरा अभी वास्तविक तो नहीं है लेकिन हमें हर स्तर की तैयारी करके रखनी होगी।
भारत में भी ग्लोबल वार्मिंग का खतरा
भारत जैसे देशों में भी ग्लोबल वार्मिंग का खतरा है। सुंदरबन इलाके का हिस्सा जलमग्न हो रहा है। इसके अलावा मुंबई को लेकर भी कई तरह की भविष्यवाणी की गई है। विकसित देश विकासशील देशों पर तोहमत लगा देते हैं। लेकिन यह खतरा अब इतना बड़ा हो चुका है कि आने वाले समय में भारत समेत दुनिया के तमाम देशों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
जानलेवा वायरस के बारे में कुछ तथ्य
रूस की एक झील हजारों साल से दबा हुआ था ये जॉम्बी वायरस। वैज्ञानिकों ने इस वायरस का नाम पंडोरावायरस एडिमा (Pandoravirus Yedoma) रखा है। अभी इस खोज के बारे में कोई जानकारी प्रकाशित नहीं हुई है।
फ्रांस के नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के दल ने बर्फ में दबे ऐसे दर्जनों वायरस का जिक्र किया था, जिसके बारे में दुनिया को जानकारी नहीं है। इसी में जॉम्बी वायरस भी शामिल है। यह वायरस 48,500 साल पुराना है। इसी टीम ने 2013 में 30 हजार साल पुराने वायरस का पता लगाया था।
ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण दुनिया के कई हिस्सों में जमी बर्फ पिघल रही है। इससे एक नया खतरा पैदा होता जा रहा है। जॉम्बी वायरस भी उसमें से एक है। इन बैक्टीरिया में खतरनाक रोगाणु हो सकते हैं।