यूट्यूबर एल्विश यादव को कोर्ट से मिली जमानत, 50 हजार रु. के दो मुचलके पर 5 दिनों बाद छूटे
नोएडा, 22 मार्च। बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता और मशहूर यूट्यूबर एल्विश यादव को नोएडा कोर्ट से जमानत मिल गई है। सापों के जहर की सप्लाई के आरोप में पिछले पांच दिनों से गौतमबुद्ध नगर के लुक्सर जेल में बंद एल्विस को शुक्रवार को जिला न्यायालय में पेशी हुई। कोर्ट ने एल्विश को 50,000 रुपये के दो मुचलके पर जमानत दे दी।
एल्विश के वकील प्रशांत राठी के अनुसार उन्होंने कोर्ट से कहा एल्विश को इस केस में झूठा फंसाया गया है। उनके पास से NDPS एक्ट का कोई पदार्थ बरामद नहीं हुआ था। राहुल को पहले ही बेल मिल चुकी है, जिसके पास से पुलिस को जहर मिला था।
एल्विश पर बड़े आरोप
गौरतलब है कि एल्विश को कोबरा कांड केस में गत 17 मार्च को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोप है यूट्यूबर रेव पार्टियों में सांप और उनके जहर को सप्लाई करते हैं। इतना ही नहीं एल्विश पर ड्रग्स फाइनेंस करने का भी इल्जाम लगा। नोएडा पुलिस ने एल्विश को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। आदेशानुसार उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज गया था। खबर तो यह भी है कि पुलिस पूछताछ में एल्विश ने कबूल किया कि वो सांपों के जहर की सप्लाई करते थे।
एल्विश यादव को जमानत मिलने के बाद प्रशंसक खुश
इस बीच एल्विश यादव को जमानत मिलने से उनके प्रशंसक काफी खुश हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई फैन्स ने खुशी जाहिर की है। हालांकि शुक्रवार को तकनीकी कारणों से एल्विश की जेल से रिहाई नहीं हो सकी। एल्विश यादव एक लोकप्रिय सोशल मीडिया पर्सनालिटी हैं। उन्होंने अपने यूट्यूब वीडियो से खूब नाम कमाया है। एल्विश दर्शकों के बीच काफी फेमस हैं। उन्हें बिग बॉस ओटीटी 2 से ज्यादा पॉपुलैरिटी मिली, जब वह विनर बनकर उभरे।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) संगठन की शिकायत के आधार पर नोएडा पुलिस ने सेक्टर 51 स्थित एक बैंक्वेट हॉल पर छापा मारा था और पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। पीएफए ने अपनी एफआईआर में एल्विश का नाम लिया और उन पर रेव पार्टियों का आयोजन करने का आरोप लगाया, जिसमें वे विदेशियों को आमंत्रित करते हैं और जहरीले सांपों के जहर की व्यवस्था करते हैं।
नोएडा पुलिस ने तब एल्विश यादव पर 29 एनडीपीएस एक्ट लगाया था। 29 एनडीपीएस एक्ट तब लगाया जाता है, जब कोई नशे से जुड़ी साजिश जैसे नशे की खरीद-फरोख्त में शामिल होता है। इस अधिनियम के तहत दर्ज आरोपितों को आसानी से जमानत नहीं मिलती है। छापेमारी के दौरान नौ जहरीले सांप भी बरामद किए गए थे।