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दिल्ली में उफान पर यमुना, 207 मीटर से ऊपर का जलस्तर, आसपास के इलाकों में भरा पानी

दिल्ली में उफान पर यमुना, 207 मीटर से ऊपर का जलस्तर, आसपास के इलाकों में भरा पानी

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नई दिल्ली, 4 सितंबर। दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर सुबह नौ बजे 207.47 मीटर था, और उफनती यमुना नदी का पानी आस-पास के इलाकों में लगातार भर रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सुबह छह बजे से सात बजे के बीच जलस्तर 207.48 मीटर पर बना रहा। सुबह पांच बजे जलस्तर 207.47 मीटर था, जबकि सुबह छह बजे यह 207.48 मीटर पर था।

अधिकारियों के अनुसार, देर रात दो बजे से सुबह पांच बजे के बीच जलस्तर 207.47 मीटर पर स्थिर रहा। बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय के पास पहुंच गया, जहां मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और प्रमुख नौकरशाहों के कार्यालय हैं। वासुदेव घाट के आसपास के इलाकों में भी पानी भर गया है। मयूर विहार फेज एक जैसे कुछ निचले इलाकों में भी बाढ़ का पानी भर गया है, यहां तक कि वहां बने राहत शिविर भी जलमग्न हो गए हैं। मोनेस्ट्री मार्केट और यमुना बाजार जैसे इलाके अब भी जलमग्न हैं।

निवासियों को उम्मीद है कि पानी कम हो जाएगा और सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। कश्मीरी गेट के पास श्री मरघट वाले हनुमान बाबा मंदिर तक भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है। एक श्रद्धालु ने कहा, ‘‘हर साल जब यमुना का जलस्तर बढ़ता है तो इससे भगवान हनुमान का स्नान होता है। यह पवित्र जल है। हम इसका सम्मान करते हैं।’’

बुधवार को निगमबोध घाट में बाढ़ का पानी भर गया, जिससे दाह संस्कार कार्य रुक गया। गीता कॉलोनी श्मशान घाट भी पानी में डूब गया। हालांकि, गीता कॉलोनी श्मशान घाट के प्रमुख संजय शर्मा ने बताया कि दाह संस्कार का कार्य बंद नहीं किया है। उन्होंने दावा किया, ‘‘2023 में श्मशान घाट में पानी घुस गया था और आज फिर से लगभग 10 फुट तक पानी भर गया है। नुकसान बहुत बड़ा है क्योंकि बाहर रखी सारी लकड़ियां बर्बाद हो गई हैं। हमें प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है।’’

उन्होंने कहा, चूंकि कुछ श्मशान घाट पहले ही बंद कर दिए गए हैं इसलिए लोग दूर-दूर से यहां आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी तरह अंतिम संस्कार का प्रबंध कर रहे हैं। श्मशान घाट के अंदर की सड़क ही इस्तेमाल के लायक बची है। फिलहाल, हम सड़क पर ही दाह संस्कार कर रहे हैं। अगर जलस्तर और बढ़ा तो वह भी बंद हो सकती है।’’

दिल्लीवासियों के लिए यह दोहरी मार है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण जलजमाव की समस्या से यातायात जाम हो गया है वहीं यमुना नदी में उफान के कारण बाढ़ आ गई है। चंदगी राम अखाड़े के पास सिविल लाइंस में भारी जलजमाव हो गया।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब भी बारिश होती है, जलजमाव हो जाता है, लेकिन अधिकारियों ने स्थिति सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। बुधवार शाम जारी बाढ़ नियंत्रण बुलेटिन में कहा गया है कि सुबह आठ बजे पुराने रेलवे पुल का जलस्तर 207.48 मीटर होगा और उसके बाद इसमें गिरावट आने की संभावना है।

पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नजर रखने के लिए एक प्रमुख अवलोकन बिंदु के रूप में कार्य करता है। राजस्व विभाग के अनुसार, बाढ़ से प्रभावित 8,018 लोगों को तंबुओं के बने आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया है, जबकि 2,030 लोगों को 13 स्थायी आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया है। सरकार ने जोर देकर कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है और वह स्थिति पर 24 घंटे नजर रख रही है।

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