जिनपिंग ने ट्रंप को दिया संदेश – ‘एक ही प्लैनेट पर रहते हैं, दादागीरी से नहीं चलेगी दुनिया…’
नई दिल्ली, 3 सितम्बर। द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार के 80 वर्ष पूरे होने पर आज चीनी राजधानी बीजिंग में भव्य मिलिट्री परेड का आयोजन किया गया। तीन सितम्बर को चीन हर वर्ष विक्ट्री डे के तौर पर मनाता है। इस दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानमेन चौक पर परेड की सलामी भी ली। साथ ही इस मंच से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दो टूक संदेश भी दिया।
‘चीन किसी की धमकियों से डरने वाला नहीं और हमेशा आगे बढ़ता रहता है’
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने अपने संबोधन में अमेरिका का नाम लिए बगैर अपने इरादे जाहिर कर दिए। उन्होंने कहा कि चीन किसी की धमकियों से डरने वाला नहीं है और यह हमेशा आगे बढ़ता रहता है। उन्होंने कहा, ‘इंसान एक ही प्लैनेट पर रहते हैं, इसलिए हमें मिलकर काम करना चाहिए और मिलजुलकर शांति से रहना चाहिए। यह दुनिया वापस जंगल राज में नहीं लौटनी चाहिए, जहां छोटे और कमजोर देशों को बड़े देश धमकाते रहे और दादागीरी करते रहे। हमें शांति से आगे बढ़ने के रास्ते का पालन करना चाहिए और वैश्विक शांति और सौहार्द की सुरक्षा करनी चाहिए।
शी जिनपिंग ने कहा कि मानवता को शांति या युद्ध, बातचीत या टकराव और सबके लिए लाभ या नुकसान के बीच रास्ता चुनना होगा। यह बयान अमेरिका की व्यापारिक टैरिफ नीतियों और वैश्विक प्रभाव पर एक अप्रत्यक्ष टिप्पणी माना गया।
गैर पश्चिमी देशों के नेतृत्व में नई वैश्विक व्यवस्था की वकालत की
जिनपिंग ने परेड को चीन के पुनर्जनन का प्रतीक बताते हुए एक नई वैश्विक व्यवस्था की वकालत की, जो गैर पश्चिमी देशों के नेतृत्व में हो। उन्होंने ये भी कहा कि चीन शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर कायम रहेगा और सभी देशों को एक-दूसरे का ध्यान रखने और मदद करने की आवश्यकता है ताकि युद्ध जैसी त्रासदियों से बचा जा सके।

हालांकि, जिनपिंग ने अमेरिका के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष आरोप नहीं लगाया, लेकिन परेड में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान जैसे नेताओं की मौजूदगी को अमेरिका के लिए एक कूटनीतिक संदेश माना गया। इस आयोजन को अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ एकजुटता और चीन की बढ़ती सैन्य व वैश्विक ताकत के प्रदर्शन के रूप में देखा गया।
विक्ट्री डे परेड में कुल 26 विदेशी नेता शामिल हुए
चीन की इस विक्ट्री डे परेड में कुल 26 विदेशी नेता मौजूद रहे। इनमें रूस के राष्ट्रपति पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन, म्यांमार के सैन्य प्रमुख मिन आंग हलाइंग, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव, मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको शामिल रहे। यूरोप से स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको और सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुचिच भी शामिल हुए। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन विशेष ट्रेन से चीन पहुंचे और इस परेड का हिस्सा बने।
