लखनऊ, 1 अप्रैल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भर्ती से जुड़े प्रदेश के सभी चयन बोर्ड/आयोगों से अपेक्षा की है कि वे 100 दिनों का लक्ष्य करते हुए प्रदेश के 10,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने की कार्यवाही करें। भर्ती प्रक्रिया को शुचितापूर्ण, पारदर्शी, निष्पक्ष व भ्रष्टाचारमुक्त बनाने के लिए परीक्षा एजेंसी के चयन व परीक्षा केंद्रों के चयन में विशेष सावधानी बरती जाए।
परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण में सरकारी विद्यालयों को वरीयता दी जाए। जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि कोई भी दागदार छवि वाला कोई विद्यालय परीक्षा केंद्र न बने। शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर भर्ती से जुड़े सभी चयन बोर्ड/आयोगों के अध्यक्षों के साथ बैठक करते हुए योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को सरकारी नौकरी से जोडऩे और उन्हें रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने बीते पांच वर्षों में प्रदेश के युवाओं को 4.5 लाख सरकारी नौकरियों से जोड़ा है।
अब अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री ने युवाओं को सरकारी नौकरी देने के लिए सभी चयन बोर्ड/आयोगों को 100 दिन, छह और वार्षिक लक्ष्यों को तय करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सत्र से जुड़ी सभी भर्ती परीक्षाएं उसी सत्र में सम्पन्न होनी चाहिए। उन्होंने विभागों को अधियाचन समय से भेजने के निर्देश दिए। अधियाचन व्यवस्था के डिजिटलीकरण की प्रगति की जानकारी भी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं में आरक्षण के नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाए।
भर्तियों के विज्ञापनों में आरक्षण के नियमों का स्पष्ट उल्लेख हो। उन्होंने भर्ती प्रक्रियाओं को पालीवाल समिति की सिफारिशों के अनुरूप क्रियान्वित करने के निर्देश दिए।योगी ने कहा कि परीक्षा केंद्र निर्धारण में अभ्यर्थियों की सहूलियतों का ध्यान रखा जाए। अभ्यर्थियों का सत्यापन तय समय में पूर्ण किया जाए। उन्होंने भर्ती संस्थाओं से कहा कि वे भर्ती परीक्षाओं को शासन, संबंधित विभाग व जिला प्रशासन के साथ संवाद और समन्वय बनाते हुए पूरी करें। भर्ती प्रक्रिया की अवधि को कम करने के सार्थक प्रयास भी किए जाएं। नियुक्ति प्रक्रिया को सरल व समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के लिए भी कहा।