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ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण : मुसलमानों के लिए होगी वुजू की व्यवस्था? सुप्रीम कोर्ट का सर्वमान्य रास्ता निकालने का आदेश

ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण : मुसलमानों के लिए होगी वुजू की व्यवस्था? सुप्रीम कोर्ट का सर्वमान्य रास्ता निकालने का आदेश

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नई दिल्ली, 17 अप्रैल। वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मुसलमानों के लिए वुजू की व्यवस्था का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शीर्ष अदालत ने वाराणसी के जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि वह मंगलवार को ही सभी पक्षों की बैठक कर सर्वमान्य रास्ता निकालें। शुक्रवार को कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा और वुजू को लेकर कोई फैसला ले सकता है।

ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से रमजान में नमाज के दौरान वुजू के लिए अनुकूल व्यवस्था करने की अपील सुप्रीम कोर्ट से की गई है। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे रिपोर्ट में यहां कथित शिवलिंग मिलने की बात कही गई। इसी के बाद से पिछले एक साल से यहां पर वुजू बंद है।

आज सभी पक्षों की बैठक कर सर्वमान्य हल निकालने का जिलाधिकारी को आदेश

सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) धनंजय.वाई. चंद्रचूड़ की अगुआई वाली जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि जिला कलक्टर मंगलवार को मस्जिद प्रबंधन समिति के प्रतिनिधियों और अन्य पक्षों के साथ बैठक करेंगे। पीठ ने कहा कि इस मामले में शुक्रवार को फिर से सुनवाई होगी और वुजू की व्यवस्था पर उचित निर्देश पारित किया जाएगा।

अधिवक्ता फुजैल अहमद अय्युबी और अहमदी ने कहा कि एक मोबाइल वॉशरूम और शौचालय भी इस उद्देश्य की पूर्ति करेगा। वकील ने कहा कि अदालत के पिछले आदेशों में पहले ही जिला प्रशासन को वुजू के लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था और वह केवल रमजान के मद्देनजर इन निर्देशों के उपयुक्त कार्यान्वयन की मांग कर रहे।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मस्जिद प्रबंधन समिति के प्रतिनिधि जिला कलेक्टर के साथ बैठक कर सकते हैं ताकि उचित व्यवस्था की जा सके। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इसमें शामिल अन्य समुदाय (हिन्दुओं) की धार्मिक संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए स्नान का स्थान उपयुक्त रूप से निर्धारित किया जाना चाहिए। इस पर बेंच ने कहा कि सभी पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और उचित कार्य व्यवस्था के साथ आना चाहिए और तब अदालत सभी पक्षों की सहमति से आदेश पारित कर सकती है।

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत वर्तमान में मई में मस्जिद समिति द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही है, जिसमें पांच हिन्दू महिलाओं के मुकदमे का विरोध किया गया था, जिन्होंने कथित तौर पर मस्जिद की पश्चिमी दीवार के पीछे स्थित देवी पार्वती के मंदिर मां श्रृंगार गौरी स्थल की पूजा करने का अधिकार मांगा था। कमेटी ने सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अप्रैल, 2022 के आदेश के खिलाफ अपील की थी।

 

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