कोलकाता : विधानसभा चुनाव में लगभग तीन चौथाई बहुमत से प्रचंड जीत हासिल करने वाली तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है और वह पांच मई को लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की बागडोर संभालेंगी।
मुख्यमंत्री ममता ने सोमवार की शाम को मीडिया से कहा, ‘हम एक साधारण शपथ ग्रहण समारोह रखेंगे। जब तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई देश जीत नहीं जाता, हम किसी प्रकार का जश्न नहीं मनाएंगे।’ समझा जाता है कि उनके मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों का शपथ ग्रहण छह मई को होगा।
ममता ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से औपचारिक मुलाकात के लिए राजभवन जाने से पहले आहूत प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी को ही घेरे में ले लिया और बोलीं – ‘बीजेपी दफ्तर पर हमले की वे लोग पुरानी तस्वीरें दिखा रहे हैं। मेरी समझ से परे है कि भाजपा के लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं। फिलहाल मुझे हिंसा पसंद नहीं।’
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘हम जानते हैं कि केंद्रीय बलों और भाजपा ने हमें परेशान करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, लेकिन मैं बंगाल के सभी निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील करती हूं।’
66 वर्षीया ममता ने अपनी जीत का श्रेय युवाओं और महिलाओं को दिया। नंदीग्राम में, जहां उन्हें शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ नाटकीय उतार-चढ़ाव के बीच लगभग 1900 वोटों से हार का सामना करना पड़ा, पुनर्मतगणना के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘पार्टी इस पर विचार कर रही है।’
गौरतलब है कि 292 सीटों वाली विधानसभा के लिए हुए चुनाव में टीएमसी को तीन चौथाई बहुमत से छह कम यानी 213 सीटें मिलीं जबकि भाजपा ने 77 सीटें जीतीं। हालांकि 2016 के मुकाबले भाजपा का प्रदर्शन शानदार कहा जा सकता है, जब उसे सिर्फ तीन सीटें मिली थीं। एक सीट राष्ट्रीय सेकुलर मजलिस पार्टी ने जीती जबकि एक पर निर्दलीय उम्मीदवार सफल रहा।