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विदर्भ ने तीसरी बार जीती रणजी ट्रॉफी, पहली पारी की बढ़त के सहारे केरल को दी शिकस्त

विदर्भ ने तीसरी बार जीती रणजी ट्रॉफी, पहली पारी की बढ़त के सहारे केरल को दी शिकस्त

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नागपुर, 2 मार्च। घरेलू क्रिकेट में पूरे सत्र शानदार प्रदर्शन करने वाले गत उपजेता विदर्भ ने आज यहां तीसरी बार राष्ट्रीय क्रिकेट की श्रेष्ठता की प्रतीक रणजी ट्रॉफी में सर्वजेता का गौरव अर्जित किया। मेजबानों ने विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (VCA) स्टेडियम में खेले गए पांच दिवसीय फाइनल की पहली पारी की बढ़त के आधार पर केरल को शिकस्त दी, जो स्पर्धा के 90 वर्षों के इतिहास में पहली बार फाइनल खेलने उतरा था।

हालांकि मुकाबले का नतीजा तीसरे दिन ही तय हो गया था, जब 2017-18 व 2018-19 में लगातार दो खिताब जीतने वाले विदर्भ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 379 रन बनाने के बाद केरल को 342 रन पर समेटकर पहली पारी में 37 रन की मामूली बढ़त हासिल कर ली थी।

फिलहाल विदर्भ ने पिछली शाम के स्कोर 4-249 से पांचवें व अंतिम दिन रविवार को अपनी दूसरी पारी आगे बढ़ाई तो उसके पास कुल 286 रनों की बढ़त थी। विदर्भ ने चाय के ब्रेक के करीब तक बल्लेबाजी की और नौ विकेट पर 375 रन बनाए, जिससे टीम की कुल बढ़त 412 रन हो गई। सचिन बेबी की केरल टीम के लिए बचे एक सत्र में यह लक्ष्य पहुंच बाहर था, लिहाजा खेल समाप्ति की घोषणा कर दी गई।

शतकवीर नायर, मालेवार व नालकंडे ने दी विदर्भ को मजबूती

विदर्भ की दूसरी पारी में मौजूदा सत्र का नौवां प्रथम श्रेणी शतक जमाने वाले करुण नायर (135 रन, 295 गेंद, 10 चौके, दो छक्के) पिछली शाम के अपने निजी स्कोर में भले ही सिर्फ तीन रन जोड़ सके। लेकिन वह अपना काम कर चुके थे।

नायर ने पहली पारी के शतकवीर ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ दानिश मालेवार (73 रन) संग कल तीसरे विकेट के लिए 182 रनों की साझेदारी की थी। इसके पहले दोनों ने पहली पारी में भी 215 रनों की अहम भागीदारी की थी। इन दोनों के अलावा दर्शन नालकंडे ने दूसरी पारी में नाबाद 51 रन (98 गेंद, एक छक्का, तीन चौके) बनाए। केरल के लिए स्थानीय खिलाड़ी आदित्य सरवटे ने 96 रन देकर चार विकेट लिए।

वामहस्त स्पिनर हर्ष दुबे रहे प्लेयर ऑफ द सीरीज

विदर्भ के 22 वर्षीय वामहस्त स्पिनर हर्ष दुबे को ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ घोषित किया गया। उन्होंने रणजी ट्रॉफी के एक सत्र में 69 खिलाड़ियों को आउट करके सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया, जो बिहार के आशुतोष अमन के 68 विकेट के पिछले रिकॉर्ड से बेहतर रहा। दुबे ने भारत के दिग्गज खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन के बल्लेबाजी गुर का भी पूरा फायदा उठाया और 10 मैचों में पांच अर्द्धशतकों के साथ 476 रन बनाए।

रणजी चैम्पियन के अलावा विदर्भ विजय हजारे ट्रॉफी में उपजेता रहा

वस्तुतः विदर्भ को पूरे सत्र में अपनी कड़ी मेहनत और अनुशासन का फल मिला। इस दौरान उसने सिर्फ रणजी ट्रॉफी ही नहीं जीती बल्कि 50 ओवरों की विजय हजारे ट्रॉफी में भी उप विजेता रही। अक्षय वाडकर की कप्तानी और मुख्य कोच उस्मान गनी की अगुआई वाली टीम ने पूरे रणजी ट्रॉफी सत्र में प्रभावशाली प्रदर्शन किया।

कप्तान वाडकर व कोच उस्मान गनी की टीम का पूरे सत्र में रहा प्रभुत्व

विदर्भ ने इस सत्र की रणजी ट्रॉफी में खेले गए 10 मैच में से नौ में जीत हासिल की, जो भारत की शीर्ष घरेलू प्रतियोगिता में टीम के प्रभुत्व को दर्शाता है। विदर्भ लीग चरण में सभी चार ग्रुपों में सर्वश्रेष्ठ दल रहा, जिसने सात मैचों में से छह जीत के साथ 40 अंक हासिल किए। इसके बाद विदर्भ ने क्वार्टरफाइनल में पिछले साल सेमीफाइनल तक पहुंचे तमिलनाडु को 198 रन से रौंदा और सेमीफाइनल में गत चैंपियन मुंबई को 80 रनों से पराजित किया। वहीं केरल को किस्मत का साथ मिला, जिसने नॉकआउट में जम्मू और कश्मीर (क्वार्टर फाइनल) और गुजरात (सेमीफाइनल) को मामूली अंतर से हराकर पहली पारी की बढ़त के आधार पर फाइनल तक का सफर तय किया था।

स्कोर कार्ड

वाडकर ने खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत को खिताबी जीत का श्रेय दिया

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष रोजर बिन्नी के हाथों विजेता ट्रॉफी ग्रहण करने वाले कप्तान अक्षय वाडकर ने कहा, ‘सभी ने पूरे मैच में कड़ी मेहनत की और हम सभी बहुत खुश हैं। पिछले वर्ष हम फाइनल हार गए थे। इसलिए हमने मानसून के दौरान ही तैयारी की। हर खिलाड़ी ने खुद पर काम किया।’

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