दिग्गज कलाकार और पूर्व विधायक की श्रीनिवास राव का 83 की उम्र में निधन, 4 दशकों तक तेलुगु सिनेमा पर किया राज
हैदराबाद, 13 जुलाई। तेलुगु सिनेमा के दिग्गज एक्टर और पूर्व भाजपा विधायक कोटा श्रीनिवास राव का रविवार, 13 जुलाई को हैदराबाद (Hyderabad) के जुबली हिल्स में निधन हो गया। 83 साल की उम्र में उन्होंने लंबी बीमारी के बाद अंतिम सांस ली। उनका जाना न सिर्फ तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के लिए, बल्कि पूरे भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। अपने अभिनय कौशल और शानदार डायलॉग डिलीवरी से उन्होंने चार दशकों तक दर्शकों के दिलों पर राज किया।
कोटा श्रीनिवास राव ने साल 1978 में फिल्म प्रणम खरीदु (Pranam Khareedhu) से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अगले 40 सालों में उन्होंने 750 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। सिर्फ तेलुगु ही नहीं, उन्होंने तमिल, कन्नड़ और हिंदी सिनेमा में भी कई यादगार किरदार निभाए। विशेष रूप से खलनायक और चरित्र भूमिकाओं में उनकी पकड़ और प्रस्तुति ने उन्हें आलोचकों और दर्शकों दोनों का प्रिय बना दिया। उनकी उपस्थिति किसी भी फिल्म में गहराई और गरिमा जोड़ती थी।
पद्म श्री से सम्मानित कलाकार
कोटा राव को 2015 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था, जो उनके अद्वितीय अभिनय योगदान का प्रमाण है। वे रंगमंच के भी सशक्त कलाकार थे और अपने करियर के प्रारंभिक दौर में थिएटर से जुड़े रहे। अभिनय की उनकी शैली में स्पष्टता, प्रभाव और भावनात्मक गहराई का अद्भुत मेल देखा जाता था।
राजनीतिक पारी भी रही प्रभावशाली
अभिनय के साथ-साथ कोटा राव ने राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाई। 1999 में वे भाजपा के टिकट पर विजयवाड़ा से विधायक निर्वाचित हुए थे। उनकी छवि एक जागरूक, समझदार और स्पष्ट विचारों वाले जनप्रतिनिधि की थी। राजनीति में उनका प्रवेश सामाजिक प्रतिबद्धता की भावना से प्रेरित था, जो उनके व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा थी।
नायडू और रेवंत रेड्डी ने जताया शोक
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अभिनेता के निधन पर शोक जताया। नायडू ने उन्हें ‘तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री की अमूल्य धरोहर’ बताया और कहा कि “उनके निभाए गए किरदार हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे।”
रेवंत रेड्डी ने भी X (पूर्व ट्विटर) पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “कोटा गरु अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके निभाए विविध किरदारों के ज़रिए वे हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।” डायरेक्टर श्रीनु वैतला ने उन्हें “मॉडुलेशन, इमोशन और स्क्रीन प्रेजेंस के मास्टर” बताते हुए अपनी गहरी पीड़ा जाहिर की।
