EC द्वारा राहुल गांधी से सबूत मांगने पर वेणुगोपाल का पलटवार – ‘नोटिस से नहीं डरते, सच बोलते रहेंगे’
नई दिल्ली, 10 अगस्त। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा राहुल गांधी को वोट चोरी के आरोपों पर नोटिस भेजे जाने के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भारत निर्वाचन आयोग (ECI) पर पलटवार किया है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि कांग्रेस किसी भी नोटिस से डरने वाली नहीं है और सच जनता के सामने लाती रहेगी। उन्होंने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने जो सवाल उठाए हैं, उसका जवाब देने के बजाय आयोग नोटिस भेजकर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है।
राहुल गांधी के 5 सवालों का जवाब जानने का देश की जनता को अधिकार
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता के तौर पर पांच महत्वपूर्ण सवाल उठा चुके हैं, जिनके जवाब देश को जानने का अधिकार है। इन सवालों में डिजिटल वोटर लिस्ट देने से इनकार, सीसीटीवी फुटेज मिटाना, फर्जी वोटिंग, विपक्ष के नेताओं को धमकाना और आयोग के कथित राजनीतिक पक्षपात के मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आयोग विपक्ष को आवश्यक सबूतों तक पहुंचने से रोक रहा है और जब जनता के सामने तथ्य आते हैं तो नोटिस भेजने लगता है।
वेणुगोपाल ने उठाए ये पांच सवाल
- विपक्ष को डिजिटल, मशीन-पठनीय मतदाता सूची क्यों नहीं दी जा रही है? आप क्या छिपा रहे हैं?
- सीसीटीवी और वीडियो सबूत मिटाने का आदेश किसने दिया?
- फर्जी मतदान और मतदाता सूची में छेड़छाड़ क्यों?
- विपक्षी नेताओं को धमकाया और डराया क्यों जा रहा है?
- क्या चुनाव आयोग अब भाजपा के चुनाव एजेंट बनकर रह गया है?
वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘राहुल जी का खुलासा चुनाव आयोग के अपने डेटा पर आधारित है। अब जब आपने उन्हें रंगे हाथ पकड़ा है, तो उनसे दस्तावेज मांग रहे हैं? वोटर लिस्ट आपका ही डेटा है। आप न केवल डिजिटल वोटर लिस्ट देने से मना कर रहे हैं बल्कि सीसीटीवी फुटेज भी ब्लॉक कर रहे हैं। इस तरह आप खुद अपना दोष साबित कर रहे हैं। यह सिर्फ विडंबना नहीं बल्कि दोष स्वीकारने जैसा है।’
Rahul ji’s mega expose was based on ECI’s own data. So now, after he has caught you red-handed, you want him to “provide the relevant documents”?
Let’s be crystal clear – the data is YOUR OWN VOTER LIST.
You refuse to give electronically readable voter lists.
You block access… https://t.co/KcpqF51FHh
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) August 10, 2025
कर्नाटक सीईओ ने राहुल को भेजी नोटिस, शकुन रानी के दस्तावेज मांगे
इसके पूर्व रविवार को दिन में कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने राहुल गांधी को नोटिस भेजी, जिनमें उनके आरोपों के समर्थन में दस्तावेज देने को बात कही गई है। राहुल गांधी ने सात अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 वोट चोरी हुए। उन्होंने एक मतदाता शकुन रानी का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके आईडी कार्ड पर दो बार वोट डाला गया। हालांकि, जांच में शकुन रानी ने इस दावे को नकारा और कहा कि उन्होंने केवल एक बार वोट डाला। आयोग ने यह भी कहा कि राहुल गांधी द्वारा दिखाया गया ‘टिक मार्क’ वाला दस्तावेज पोलिंग अधिकारी द्वारा जारी नहीं किया गया था।
राहुल गांधी का आरोप और कांग्रेस की रणनीति
दरअसल, राहुल गांधी का कहना है कि कांग्रेस को कर्नाटक में 16 सीटें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन सिर्फ नौ मिलीं। उन्होंने सात अप्रत्याशित हार की जांच कराई और महादेवपुरा में बड़े पैमाने पर वोट चोरी के सबूत मिलने का दावा किया। उनके अनुसार, यह चोरी पांच अलग-अलग तरीकों से हुई। इसमें डुप्लीकेट वोटर, फर्जी पते, अवैध पते, एक ही पते पर भारी संख्या में वोटर और ऐसे मकान, जिनमें बताए गए लोग रहते ही नहीं हैं। कांग्रेस अब इस मामले को बड़े राजनीतिक मुद्दे के रूप में उठाने की तैयारी में है। इसी क्रम में पार्टी ने सोमवार (11 अगस्त) को सभी एआईसीसी महासचिवों, राज्यों के इंचार्जों और फ्रंटल संगठनों के प्रमुखों की अहम बैठक बुलाई है।
