उत्तराखंड : हाई कोर्ट ने पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर लगाई रोक
नैनीताल, 20 जनवरी। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ ही 31 जनवरी को आईओ के समक्ष पेश होने और जांच में सहयोग करने के लिए कहा है। न्यायाधीश एनएस धनिक की एकलपीठ ने चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका पर गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया।
ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश की शिष्या ने लगाया है धोखे से जमीन बेचने का आरोप
गौरतलब है कि ब्रह्मलीन स्वामी सहज प्रकाश की हरिद्वार में लक्सर रोड पर आश्रम से जुड़ी करीब 36 बीघा कृषि भूमि है। देहरादून के हरिपुरकलां रायवाला में रहने वाली उनकी शिष्या साध्वी तृप्ता सरस्वती की ओर से आरोप लगाया गया है कि हरिद्वार निवासी अनुज सिंह, सागरमुनी, अंशुल श्रीकुंज व स्वामी चिन्मयानंद (पूर्व गृह राज्य मंत्री) ने धोखाधड़ी करते हुए उक्त जमीन बेच दी है। इन लोगों के खिलाफ दी गई तहरीर में जमीन को बेचे जाने का विरोध करने पर साध्वी तृप्ता को जान से मारने की धमकी दी जा रही थी।
हाई कोर्ट के आदेश पर ही दर्ज की गई थी एफआईआर
पुलिस में शिकायत के बाद भी काररवाई न होने पर तृप्ता ने हाई कोर्ट की शरण ली। वहीं कोर्ट के आदेश पर साध्वी तृप्ता की तरफ से एसएसपी देहरादून को दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर रायवाला थाने में स्वामी चिन्मयानंद समेत अन्य के खिलाफ फर्जी तरीके से जमीन बेचने और जान से मारने की धमकी की एफआईआर 4 जनवरी, 2022 को आईपीसी की धारा 506 व 420 में दर्ज की गई थी।
चिन्मयानंद व सहयोगियों ने 7 करोड़ में बेची जमीन : साध्वी तृप्ता सरस्वती
साध्वी तृप्ता सरस्वती का कहना है कि उनके गुरु ब्रह्मलीन सहज प्रकाश के आश्रम के स्वामित्व वाली करीब 36 बीघा कृषि जमीन को चिन्मयानंद व उनके सहयोगियों ने मिलकर धोखाधड़ी से सात करोड़ में बेच दिया है। तृप्ता ने मामले का पता चलने पर विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी देने लगे। इस एफआईआर के खिलाफ स्वामी चिन्मयानंद द्वारा आज हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।