उत्तर प्रदेश : 18 जिले कोविड संक्रमण मुक्त, अन्य राज्यों के मुकाबले हालात बेहतर
लखनऊ, 22 अगस्त। दूसरे प्रदेशों में बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश में कोरोना के हालात बेहतर हैं। प्रदेश में सक्रिय मामले तेजी से घट रहे हैं। वहीं, नए संक्रमितों में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। बीते 24 घंटों में प्रदेश के 18 जिले कोविड संक्रमण से मुक्त रहे। इसमें अलीगढ़, बागपत, बांदा, बिजनौर, एटा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गोंडा, हमीरपुर, हरदोई, कानपुर देहात, महोबा, मऊ, मुजफ्फनगर, रामपुर, संतकबीरनगर, शाहजहांपुर और उन्नाव में शुक्रवार को कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। साथ ही 24 घंटों में हुई टेस्टिंग में 61 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि मात्र 14 जिलों में इकाई अंक में मरीज मिले।
सक्रिय केस हो या फिर टेस्टिंग और वैक्सीनेशन की बात प्रदेश सरकार द्वारा समय पर लिए गए निर्णयों का ही परिणाम है कि आज सर्वाधिक जनसंख्या वाला उत्तर प्रदेश दूसरे प्रदेशों से कोरोना पर लगाम लगाने में अव्वल है। सक्रिय केसों के मामलों में यूपी के हालात दूसरे राज्यों से बेहतर हैं। प्रदेश में जहां सक्रिय मामलों की संख्या अब 329 हैं। वहीं, आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश से काफी कम आबादी वाले अन्य राज्यों में अब भी संक्रमण पर काबू नहीं पाया जा सका है। फिलहाल प्रदेश में 21 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 27 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।
- जांच में यूपी अव्वल
पिछले 24 घंटों में दो लाख 32 हजार 28 कोविड सैंपल की जांच की गई और 21 नए मरीज मिले। अब तक सात करोड़ 15 लाख 21 हजार 631 कोविड सैंपल की जांच की जा चुकी है। अब तक 16 लाख 86 हजार 83 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। साथ ही प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर 98.6 फीसदी है, वहीं दैनिक पॉजिटिविटी दर 0.01 फीसदी दर्ज की गई।
- प्रदेश सरकार अपना रही प्रो-एक्टिव नीति
यूपी में कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार तेजी से कार्य कर रही है। प्रदेश में विशेषज्ञों के आंकलन के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के संबंध में योगी सरकार प्रो-एक्टिव नीति अपना रही है। सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जा रहा है। सरकारी मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज मे आइसोलेशन और आइसीयू 6,700 बेड स्थापित किए जा चुके हैं। इसके साथ ही प्रदेश सरकार डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ को संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिसमें पांच हजार से अधिक डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कौशल प्रशिक्षण देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसके तहत 8700 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।