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भारत के डिजिटल भुगतान में यूपीआई की हिस्सेदारी बढ़कर 83 प्रतिशत हो गई: आरबीआई रिपोर्ट

भारत के डिजिटल भुगतान में यूपीआई की हिस्सेदारी बढ़कर 83 प्रतिशत हो गई: आरबीआई रिपोर्ट

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नई दिल्ली, 28 जनवरी। आरबीआई की भुगतान प्रणाली रिपोर्ट के अनुसार भारत के डिजिटल भुगतान में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की हिस्सेदारी 2019 में 34 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 83 प्रतिशत हो गई है, जिसमें पिछले पांच वर्षों में 74 प्रतिशत की उल्लेखनीय सीएजीआर (संचयी औसत वृद्धि दर) है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके विपरीत, डिजिटल भुगतान मात्रा में आरटीजीएस, एनईएफटी, आईएमपीएस, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड आदि जैसी अन्य भुगतान प्रणालियों की हिस्सेदारी इसी अवधि के दौरान 66 प्रतिशत से घटकर 17 प्रतिशत हो गई।

उपयोग में आसानी के कारण भारत में डिजिटल भुगतान की वृद्धि

रिपोर्ट में बताया गया है कि अपनी उपयोगिता और उपयोग में आसानी के कारण भारत में डिजिटल भुगतान की वृद्धि में यूपीआई का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है। व्यापक स्तर पर, यूपीआई लेनदेन की मात्रा 2018 में 375 करोड़ से बढ़कर 2024 में 17,221 करोड़ हो गई, जबकि लेनदेन का कुल मूल्य 2018 में ₹5.86 लाख करोड़ से बढ़कर 2024 में ₹246.83 लाख करोड़ हो गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मात्रा और मूल्य के संदर्भ में यह क्रमशः 89.3 प्रतिशत और 86.5 प्रतिशत की पांच साल की सीएजीआर है।

यूपीआई का सुरक्षित और वास्तविक समय भुगतान

P2P (व्यक्ति-से-व्यक्ति) और P2M (व्यक्ति-से-व्यापारी) दोनों लेनदेन यूपीआई की सुरक्षित और वास्तविक समय भुगतान क्षमताओं का लाभ उठाते हैं, जिससे व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए पारंपरिक, समय लेने वाली विधियों पर भरोसा किए बिना वित्तीय लेनदेन निष्पादित करना आसान हो जाता है। इसके अतिरिक्त UPI P2M लेनदेन की मात्रा 2023 के बाद से यूपीआई P2P लेनदेन की मात्रा को पार कर गई है, हालाँकि, मूल्य के संदर्भ में, UPI P2P लेनदेन का मूल्य अभी भी UPI P2M लेनदेन मूल्यों से अधिक है।

भारत में डिजिटल भुगतान में अभूतपूर्व वृद्धि

पिछले कुछ वर्षों में, यूपीआई की शानदार प्रगति और उपलब्ध डिजिटल भुगतान विकल्पों की प्रचुरता के कारण भारत में डिजिटल भुगतान में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। यही नहीं, 2024 में अकेले भारत ने 208.5 बिलियन डिजिटल भुगतान लेनदेन दर्ज किया। वहीं, 2019-24 में 500 रुपये से कम के लेनदेन मूल्यों के लिए UPI P2M 99 प्रतिशत की CAGR से बढ़ी। इसके विपरीत, इसी अवधि के दौरान यूपीआई पी2पी 56 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ी।

यूपीआई लाइट ने दिसंबर 2024 में प्रतिदिन 2.04 मिलियन लेनदेन दर्ज

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की कम मूल्य वाली लेनदेन भुगतान पद्धति, यूपीआई लाइट ने दिसंबर 2024 में प्रतिदिन 2.04 मिलियन लेनदेन दर्ज किए, जिसका मूल्य 20.02 करोड़ रुपये था।

आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है, “जब पेटीएम और फोनपे ने क्रमशः 15 फरवरी, 2023 और 2 मई, 2023 को यूपीआई लाइट पेश किया, तो यूपीआई लाइट भुगतान मात्रा और मूल्यों में निरंतर वृद्धि देखी गई।

डिजिटल भुगतान में अग्रणी है यूपीआई

यूपीआई ने भारत को ‘सार्वजनिक भलाई’ के रूप में डिजिटल भुगतान समाधान प्रदान करने में अग्रणी बना दिया है। इस सार्वजनिक भलाई के दृष्टिकोण में अन्य अर्थव्यवस्थाओं द्वारा अपनाए जाने की क्षमता है, चाहे वे विकास के किसी भी चरण में हों। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यूपीआई और इसकी विशेषताएं सबसे छोटे मूल्य के लिए भुगतान प्रणाली के लोकतंत्रीकरण और पहले से वंचित क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान की पहुंच पर सबक देती हैं।

 

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