लखनऊ, 15 मई। माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी जितेंद्र सापरा और गणेश दत्त मिश्रा की तरह चार अन्य लोग भी ईडी के रडार पर आ चुके हैं। ईडी जांच पड़ताल कर मुख्तार की पत्नी अफशा अंसारी के स्वामित्व वाली कंपनी विकास कंस्ट्रक्शन से जुड़े रविंद्र नरायन सिंह, जाकिर हुसैन, विक्रम अग्रहरि और शादाब अहमद की चल-अचल संपत्तियों को ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत चिन्हित कर जब्त करने की कार्रवाई करने में लगी है।
बता दें कि, माफिया मुख्तार अंसारी के करीबियों पर ईडी लगातार शिकंजा कस रही है। ईडी ने पहले करीबी जितेंद्र सापरा और गणेश दत्त मिश्रा पर कार्रवाई की। अब ईडी ने मुख्तार की पत्नी और अन्य लोगों को रडार पर रखा है। ईडी की जांच में सामने आया है कि मुख्तार की काली कमाई को विकास कंस्ट्रक्शन के बैंक खाते में जमा किया जा रहा था। बैंक में नगदी जमा करने के बाद उसे तुरंत निकाल कर संपत्तियों को खरीदा जाता था।
वहीं, जांच एजेंसियों को चकमा देने के लिए विकास कंस्ट्रक्शन में जमा रकम को मुख्तार के ससुर जमशेद राना के स्वामित्व वाली कंपनी आगाज प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग के खाते में ट्रांसफर किया जाता था। बाद में ये रकम दोबारा विकास कंस्ट्रक्शन के खाते में भेज दी जाती थी। विकास कंस्ट्रक्शन के खाते में भेजी गई नकदी से मऊ, गाजीपुर, जालौन, दिल्ली, लखनऊ में 23 संपत्तियां खरीदी गई।
जांच में ये भी पता चला है कि इनमें से अधिकतर संपत्तियों को मुख्तार ने अपना खौफ दिखाकर बाजार भाव से आधी से कम कीमत में खरीदा था। वहीं, ईडी को जांच में यह भी पता चला कि गणेश दत्त मिश्रा ने गाजीपुर में जिन दो संपत्तियों को खरीदा था, उसके पास इसके लिए पर्याप्त रकम नहीं थी। इन संपत्तियों को 1.29 करोड़ में खरीदा गया, लेकिन इसके भुगतान के प्रमाण जांच एजेंसी को नहीं मिले। ये संपत्तियां मुख्तार की बेनामी संपत्तियां थी।