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यूपी सरकार गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और हापुड़ में बनाएगी फार्मा पार्क

यूपी सरकार गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और हापुड़ में बनाएगी फार्मा पार्क

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लखनऊ, 20 नवम्बर। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के मध्य और पश्चिमी हिस्से को फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस पार्क के रूप में विकसित करने का फैसला किया है। इस क्रम में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित करने के लिए जहां गौतमबुद्धनगर को चुना गया है वहीं गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, गोरखपुर और हापुड़ में फार्मा पार्क का निर्माण किया जाएगा।

गौतमबुद्ध नगर में विकसित किया जाएगा मेडिकल डिवाइस पार्क

मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए गौतमबुद्ध नगर स्थित जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन को चिह्नित कर लिया गया है। जल्द ही यहां पर मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। इतना ही नहीं योगी सरकार फार्मा पार्क में जमीन खरीदने पर कम्पनी को बुनियादी सुविधाओं के निर्माण पर ब्याज पर सब्सिडी देगी। यूपी में बने मेडिकल डिवाइस और दवाओं को जर्मनी, फ्रांस, साउथ एशिया और यूएसए में सप्लाई किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक में रविवार को कहा कि वर्तमान में मेडिकल इंडस्ट्री में काफी अवसर हैं क्योंकि यह हाईटेक और डिमांडिंग इंडस्ट्री है। वहीं पूरे देश में यूपी में सबसे ज्यादा सालाना लगभग 74 हजार फार्मा ग्रेजुएशन की पढ़ाई बच्चे पूरी करते हैं। ऐसे में यूपी को मेडिकल हब के रूप में आसानी से विकसित किया जा सकता है। इसके लिए मध्य और पश्चिमी यूपी के कुछ शहर ज्यादा मुफीद हैं। साथ ही यहां पर पहले से छोटी-छोटी मेडिकल कम्पनियां हैं। वर्तमान में मेडिकल के क्षेत्र में यूपी ग्रोथ स्टेट वैल्यू एडिशन (जीएसवीएन) एक बिलियन डॉलर से कम है। इसे बढ़ाकर दो से तीन बिलियन डॉलर करने की जरूरत है।

योगी सरकार देगी सब्सिडी और स्टांप शुल्क में छूट

योगी सरकार मेडिकल इंडस्ट्री की दिग्गज कम्पनियों को यूपी में फार्मा पार्क की स्थापना के लिए जमीन खरीद पर 50 प्रतिशत तक ब्याज पर सब्सिडी और फार्मा पार्कों के अंदर बुनियादी सुविधाओं के साथ सामान्य सुविधाओं के निर्माण पर 60 प्रतिशत तक ब्याज पर सब्सिडी देगी। इसके अलावा कुल लागत पर 15 प्रतिशत तक सब्सिडी देने के साथ जमीन खरीद पर स्टांप शुल्क में छूट देगी।

यूपी को मेडिकल इंडस्ट्री के रूप में विकसित करने के लिए करीब एक हजार से लेकर 17 सौ एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए योगी सरकार तीन से चार बिलियन डॉलर खर्च करेगी। वहीं विदेशों और अन्य राज्यों में मेडिकल डिवाइस और दवाओं की सप्लाई के लिए ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की भी स्थापना की जाएगी ताकि जल्द से जल्द इन्हे गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा सके।

यूएसए, फ्रांस और जर्मनी में सप्लाई होंगे मेडिकल डिवाइस

यूपी में बने मेडिकल डिवाइस और मेडिसिन को यूएसए, फ्रांस, जर्मनी और साउथ एशिया में सप्लाई किया जाएगा। यहां पर चिकित्सीय उपकरण और दवा की काफी डिमांड है। यहां पर चिकित्सीय उपकरण में लैब उपकरण, नीडल, सूचर, डेंटल किट आदि की सप्लाई की जा सकती है जबकि उपकरण में एक्सरे मशीन के पाटर्स आदि शामिल हैं।

प्रदेश में मेडिकल इंडस्ट्री की स्थापना से मेटल, मशीनरी, कांच, केमिकल और प्लास्टिक इंडस्ट्री में भी ग्रोथ होगी क्योंकि बिना इन इंडस्ट्री के फार्मा कम्पनी अपने प्रोडेक्ट को तैयार नहीं कर सकती है। इससे रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे। एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में मेडिकल इंडस्ट्री की स्थापना से प्रति वर्ष 60 हजार रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे जबकि अभी यह आंकड़ा 20 हजार से 40 हजार प्रति वर्ष ही है। ये रोजगार प्रोडेक्शन, पैकेजिंग, सुपरवाइजर, प्रोडेक्शन मशीन ऑपरेटर, क्वालिटी कंट्रोल केमिस्ट और मैनेजर आदि के क्षेत्र में सबसे अधिक उपलब्ध होंगे।

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