
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड : यूपी सरकार ने जांच के लिए गठित की हाई पावर कमेटी
लखनऊ, 16 नवम्बर। उत्तर प्रदेश सरकार ने झांसी स्थित महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (NICU) में शुक्रवार की रात आग लगने की घटना की जांच के लिए हाई पावर कमेटी गठित कर दी है।
जांच कमेटी 7 दिनों के भीतर शासन को सौंपेगी अपनी रिपोर्ट
राज्य स्वास्थ्य विभाग की इस जांच कमेटी में डीजी चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में चार सदस्य शामिल रहेंगे। घटना को लेकर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, अपर निदेशक विद्युत चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं, डीजी अग्निशमन द्वारा नामित अधिकारी भी सदस्य जांच करेंगे और अगले सात दिनों में मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट शासन को देंगे।
गौरतलब है कि बुंदेलखंड क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में शुक्रवार रात 10.45 बजे कथित तौर पर बिजली के शॉर्ट सर्किट करीब आग लग गई। इस हादसे में 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई। वहीं कई बच्चे घायल भी बताए जा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज ने बताया कि हादसे के समय 52 से 54 बच्चे NICU में भर्ती थे, जिनमें से 10 की मौत हो गई और 16 का इलाज चल रहा है।
झांसी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार को सात शिशुओं का पोस्टमार्टम किया गया जबकि तीन का पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका क्योंकि उनके माता-पिता की अब तक पहचान नहीं हो पाई है।
राज्य सरकार ने अग्निशामक यंत्र एक्सपायर की बात खारिज की
इस बीच राज्य सरकार ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि अस्पताल में अग्निशामक यंत्र एक्सपायर हो चुके थे।उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने एक बयान में कहा, ‘मेडिकल कॉलेज में सभी अग्निशमन उपकरण पूरी तरह से ठीक थे।’ उन्होंने कहा कि फरवरी में मेडिकल कॉलेज में अग्नि सुरक्षा ऑडिट किया गया था और जून में एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर ने भी आरोपों को निराधार बताया।
योगी सरकार देगी 5 लाख की मदद
यूपी की योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का एलान किया है और घायलों को 50 हजार की सहायता राशि दी जाएगी। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
मानवाधिकार आयोग सख्त, यूपी सरकार व डीजीपी से मांगी रिपोर्ट
इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने कहा कि रिपोर्ट वास्तव में परेशान करने वाली है और लापरवाही को दर्शाती है, जिसके परिणामस्वरूप पीड़ितों के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ है, क्योंकि वे एक सरकारी संस्थान की देखभाल में थे।’
आयोग ने कहा कि रिपोर्ट में इस मामले में दर्ज एफआईआर की स्थिति, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई काररवाई, घायलों को दी जा रही चिकित्सा और पीड़ित परिवारों को दिए गए मुआवजे (यदि कोई हो) के बारे में जानकारी शामिल होनी चाहिए। आयोग यह भी जानना चाहेगा कि अधिकारियों ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए हैं या प्रस्तावित किए हैं।