यूपी: राजस्व-चकबंदी के मामलों में हुई लापरवाही तो नपेंगे कमिश्नर-डीएम, एक्शन में मुख्यमंत्री योगी
लखनऊ, 16 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व व चकबंदी के मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने वरिष्ठ राजस्व अधिकारियों को मंडल में जाकर समीक्षा करने का निर्देश दिया है। शुक्रवार से 25 दिसंबर तक विशेष अभियान के तहत सभी जिलों में राजस्व व चकबंदी के मामलों के निस्तारण पर नजर रखने के साथी ही वरिष्ठ अधिकारी रिपोर्ट कार्ड भी तैयार करेंगे।
फिसड्डी मंडलायुक्त, डीएम, एसडीएम व तहसीलदारों को अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ सकती है। खराब प्रदर्शन करने वालों को नोटिस देकर जवाब तलब किया जाएगा और कार्रवाई होगी।अपर मुख्य सचिव, राजस्व सुधीर गर्ग ने बताया कि विभिन्न राजस्व/चकबंदी न्यायालयों में लंबित तथा नए मामलों के त्वरित व समयबद्ध निस्तारण के लिए राज्य स्तरीय अधिकारी 15 से 25 दिसंबर तक दस दिवसीय विशेष अभियान के तहत सभी मंडलों में जाकर समीक्षा करेंगे।
विंध्याचल धाम व गोरखपुर मंडल की समीक्षा वह खुद करेंगे, जबकि लखनऊ मंडल की समीक्षा राजस्व सचिव जीएस नवीन करेंगे। कानपुर व झांसी मंडल की समीक्षा विशेष सचिव राजस्व अनुराग पटेल तथा बरेली व देवीपाटन मंडल की समीक्षा विशेष सचिव राजस्व राम केवल करेंगे। वाराणसी, प्रयागराज व आजमगढ़ मंडल की समीक्षा की जिम्मेदारी राजस्व परिषद के अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त टीके शिबु को सौंपी गई है।
आगरा व अलीगढ़ मंडल की समीक्षा राजस्व परिषद के अपर भूमि व्यवस्था आयुक्त अनिल कुमार यादव करेंगे। मुरादाबाद, सहारनपुर व मेरठ मंडल की समीक्षा राजस्व परिषद के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त जेबी यादव तथा अयोध्या व बस्ती मंडल की समीक्षा राजस्व परिषद के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त भीष्म लाल वर्मा करेंगे, जबकि चित्रकूट मंडल की समीक्षा पहले ही हो चुकी है।
- पांच मंडलायुक्त व पांच डीएम से होगा जवाब-तलब
समीक्षा के दौरान खराब प्रदर्शन वाले पांच मंडलायुक्त व पांच डीएम से जवाब तलब करने के साथ शासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। साथ ही खराब प्रदर्शन वाले दस एसडीएम और दस तहसीलदार को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। राजस्व सचिव जीएस नवीन के अनुसार नोटिस के बाद भी कार्य में सुधार न होने पर मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट सौंपी जाएगी, जिससे लापरवाही पर संबंधित के खिलाफ कठोर विभागीय कार्रवाई की जा सके। मुख्यमंत्री पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि तहसील दिवसों की समीक्षा जिलाधिकारी स्वयं करें। जिलों के राजस्व मामलों की समीक्षा मंडलायुक्त स्तर पर किए जाने का निर्देश है। इसमें भी लापरवाही नहीं बरतने की चेतावनी दी गई है।