नई दिल्ली, 18 जुलाई। देश के कई राज्यों में भीषण बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बनी हुई है तो वहीं अब भी यूपी बिहार के कई ऐसे इलाके हैं जहां लोग बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मौसम विभाग ने अभी भी वहां बारिश होने का अनुमान लगाया है तो वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार में क्या होगा, इसे भी बताया है।
दरअसल, मौसम विभाग ने अपनी राज्यवार ताजा रिपोर्ट में बताया है कि मानसून वाली मूसलधार बारिश अभी भी कई जगहों पर शुरू नहीं हुई है। अगले 24 घंटों में तूफान के पश्चिम व उत्तर-पश्चिम में ओमान तट की ओर उत्तर-पश्चिम में अरब सागर के पार जाने की संभावना है। सौराष्ट्र और कच्छ तटों के निकट पूर्वोत्तर अरब सागर पर दबाव का क्षेत्र पिछले छह घंटे में पांच किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर धीरे-धीरे आगे बढ़ा है।
इसी के चलते महाराष्ट्र और आस पास के राज्यों में बारिश का कहर है। बताया गया है कि ओडिशा, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। वहीं पूर्वी असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, गुजरात और राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर भारी बारिश संभव है। उत्तराखंड में भी बारिश को लेकर रेड अलर्ट है।
गुजरात तट से 70 किलोमीटर दूर अरब सागर में उठ रहे तूफान के कारण 50 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से हवा चल रही है। यह तूफान ओमान की ओर बढ़ रहा है। पूर्वी राजस्थान के कई इलाकों में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने बताया कि अगले चार-पांच दिनों में पूर्वी राजस्थान में कई स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। गुजरात और महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के बाद कई इलाकों में बाढ़ आ गई है।
उधर यूपी बिहार के लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिलने वाली नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार बिहार में तो अभी भी बारिश होने की संभाना नहीं है। हालांकि दिल्ली से सटे यूपी के कुछ जिलों में समय-समय पर जरूर बारिश हुई है लेकिन अधिकांश जिले अभी भी भीगने को तरस रहे हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार में सबसे ज्यादा 59 फीसदी बारिश की कमी है। हालत यह है कि उत्तर प्रदेश और बिहार में कम बारिश से सूखा का संकट गहराने लगा है।