लखनऊ, 7 मई। यूपी एटीएस ने एक गोपनीय ऑपरेशन चलाकर शनिवार को प्रदेश भर में 20 जिलों में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान एटीएस की 30 टीमों ने पीएफआई के 70 से ज्यादा संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया। एटीएस रविवार को देर रात तक संदिग्ध लोगों से पूछताछ में जुटी रही।
फरार चल रहे 2 अभियुक्त वाराणसी से गिरफ्तार
ऑपरेशन के दौरान पीएफआई के फरार चल रहे दो अभियुक्तों को वाराणसी से गिरफ्तार किया गया और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार रईस अहमद व परवेज अहमद प्रदेश में पीएफआई की विचारधारा फैलाने और उसकी संदिग्ध गतिविधियों को लगातार चलाने में लिप्त थे। एटीएस ने दोनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया है। जल्द ही उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।
परवेज अहमद व रईस अहमद पर 50-50 हजार का ईनाम था
विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि शनिवार को प्रदेशभर में पीएफआई के खिलाफ ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान वाराणसी के लोहता थाने में सितम्बर, 2022 में दर्ज मुकदमे में वांछित दो अभियुक्तों परवेज अहमद और रईस अहमद की तलाश की जा रही थी। दोनों को शनिवार की रात गिरफ्तार किया गया और रविवार को जेल भेज दिया गया। उन पर 50-50 हजार रुपये का ईनाम था और दोनों करीब आठ महीने से ज्यादा वक्त से लगातार विभिन्न जिलों में छिपकर रह रहे थे, लेकिन इस दौरान भी दोनों पीएफआई की कट्टरपंथी गतिविधियों को लगातार चलाते रहे।
प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस संदिग्ध व्यक्तियों से गहन पूछताछ में जुटी है। साथ ही उनकी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों एवं सोशल मीडिया पर गतिविधियों के लिए मोबाइल फोन व उनके कब्जे से मिली संदिग्ध सामग्री का विश्लेषण किया जा रहा है। एटीएस जल्द ही कई संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार करेगी।
असम, केरल, कर्नाटक में पीएफआई की बैठकों में हो रहे थे शामिल
एटीएस को सूचनाएं मिल रही थीं कि केरल, असम, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व कर्नाटक समेत कई राज्यों में परवेज और रईस लगातार घूमकर पीएफआई की वहां होने वाली गोपनीय बैठकों में शिरकत करते हैं। वहीं तकरीरों के दौरान दोनों एक खास वर्ग को भड़काने का प्रशिक्षण लेते थे। बाद में सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से कट्टरपंथी विचारधारा को फैलाने का काम किया जा रहा था। साथ ही पीएफआई के विस्तार के लिए युवाओं को प्रेरित कर संगठन में शामिल करवा रहे थे। उन्हें पीएफआई की विचारधारा पर अमल करने की हिदायत दी जाती थी। साथ ही अन्य लोगों को भी अपने साथ प्रभावित करने को कहा जाता था। उनके खिलाफ वाराणसी के चेतगंज थाने में भी राष्ट्रद्रोह समेत कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज थी। इस मामले में दोनों जेल जा चुके थे।
सीएए व एनआरसी के दौरान रहे सक्रिय
परवेज व रईस सीएए और एनआरसी के दौरान पूरे देश में घूम-घूम कर कट्टरपंथी विचारधारा को फैलाकर एक धर्म विशेष के लोगों को बरगला रहे थे। एटीएस के अनुसार, दोनों ने इस दौरान असम व केरल के सक्रिय पीएफआई नेताओं से संपर्क किया। दोनों कई राज्यों में लोकेशन बदल कर रह रहे थे। एटीएस ने इलेक्ट्रानिक सर्विलांस व मुखबिरी के आधार पर दोनों को आपरेशन के दौरान गिरफ्तार किया।
एटीएस के एडीजी नवीन अरोड़ा ने बताया कि पीएफआई की गतिविधियों की साप्ताहिक समीक्षा की जाती है। नतीजतन, गोपनीय ऑपरेशन में रविवार को नोएडा, सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, लखनऊ, बहराइच, गोरखपुर, वाराणसी और आजमगढ़ में तैनात एटीएस की टीमों को ऑपरेशन में लगाया गया। इस दौरान 70 लोगों से पूछताछ की गई। एटीएस ने सितम्बर में हुई छापेमारी के दौरान 132 लोगों को चिह्नित किया था।
20 जिलों में हुई छापेमारी व पूछताछ
लखनऊ-9, वाराणसी-8, सीतापुर-1, बहराइच-2, बलरामपुर-1, बाराबंकी-3, सिद्धार्थनगर-1, देवरिया-2, आजमगढ़-3, कानपुर-2, गाजियाबाद-10, मेरठ-4, बुलंदशहर-1, सहारनपुर-1, शामली-11, मुजफ्फरनगर-3, मुरादाबाद-1, रामपुर-1, बिजनौर-5 और अमरोहा-1.