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यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी से की बात, सुरक्षा परिषद में समर्थन की अपील की

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी से की बात, सुरक्षा परिषद में समर्थन की अपील की

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नई दिल्ली, 26 फरवरी। रूसी हमले से भयाक्रांत यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलिदिमिर जेलेंस्की ने पीएम मोदी से फोन पर बात की है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत से मदद की अपील की है। राष्ट्रपति जेलेंस्की के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह जानकारी साझा की गई है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने ट्वीट में कहा है कि इस समय उनकी धरती पर एक लाख से अधिक आक्रमणकारियों ने घुसपैठ कर रखा है। उन्होंने बातचीत के दौरान पीएम मोदी से राजनीतिक समर्थन की अपील की है। वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की तरफ से अपने पक्ष में समर्थन चाहते हैं।

यूएनएससी में रूस के खिलाफ वोटिंग से अलग रहा भारत

गौरतलब है कि यूक्रेन संकट के मुद्दे पर शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में लाए गए प्रस्ताव पर रूस ने वीटो कर दिया। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के 11 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट किया जबकि रूस ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया और भारत, संयुक्त अरब अमारात और चीन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। फिलहाल रूस द्वारा प्रस्ताव पर वीटो किए जाने से इसे पारित नहीं किया जा सका।

भारत चाहता है राजनयिक तरीके से संकट का समाधान 

संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के स्‍थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि इस संकट का समाधान राजनयिक तरीके से किया जाना चाहिए। राजनयिक वार्ता का रास्‍ता छोड़ना अत्‍यंत खेदजनक है। सभी संबद्ध पक्षों को वार्ता की मेज पर आना चाहिए। उनका कहना था कि इसी कारण भारत ने मतदान में हिस्‍सा नहीं लिया।

इस लिहाज से देखा जाए तो ऐसे समय यूक्रेन के राष्ट्रपति की पीएम मोदी से बातचीत काफी अहम है क्योंकि हाल ही में यूक्रेन ने भारत के रुख पर आपत्ति जाहिर की थी। भारत ने एक तटस्थ रुख अख्तियार कर रखा है, लेकिन यूक्रेन मदद की आस लगाए बैठा है।

पीएम मोदी ने दो दिन पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन से की थी बात

पीएम मोदी ने गत गुरुवार की रात ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से फोन पर बात की थी। तब 25 मिनट तक वर्तमान स्थिति पर मंथन हुआ था। उस बातचीत में पीएम मोदी ने पुतिन के सामने यूक्रेन में फंसे भारतीयों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि कूटनीति के जरिए ही यूक्रेन संग विवाद को शांत किया जा सकता है।

भारत के सामने धर्म संकट की स्थिति

अब भारत के लिए यह स्थिति किसी धर्म संकट से कम नहीं है। एक तरफ वर्षों पुराना दोस्त रूस है तो वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन भी समर्थन की उम्मीद लगाए बैठा है। कुछ देशों ने तो खुलकर यूक्रेन का समर्थन किया है, लेकिन भारत अभी सुरक्षित गेम खेल रहा है।

अमेरिका ने भी माना – भारत और रूस के गहरे रिश्ते

वैसे भारत के रूस संग रिश्तों पर अमेरिका ने भी बड़ा बयान दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से कहा, ‘रूस के साथ हमारे रिश्ते निश्चित रूप से वैसे नहीं हैं, जैसे भारत के साथ रूस के रिश्ते हैं। भारत और रूस रक्षा साझीदार हैं और उनका एक मजबूत रिश्ता है, लेकिन हमारे और रूस के बीच ऐसा नहीं है। हमने हर उन देशों से, जिनके रूस से संबंध हैं, कहा है कि वो अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत अपने रिश्ते का लाभ उठाएं।’

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