राज्यसभा के लिए नामित होने पर बोले उज्ज्वल निकम – ‘लोकतंत्र और संविधान मजबूत करने का प्रयास करूंगा’
मुंबई, 13 जुलाई। ख्यातिनाम अधिवक्ता उज्जवल निकम ने शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किए जाने पर खुद के लिए गर्व और जिम्मेदारी का क्षण करार देते हुए कहा कि वह लोकतंत्र और संविधान को मजबूत करने का प्रयास करेंगे।
पीएम मोदी ने फोन कर पूछा – ‘मैं मराठी में बोलूं या हिन्दी में?’
उज्ज्वल निकम ने मीडिया से बातचीत के दौरान अपनी नियुक्ति की जानकारी मिलने के बारे में बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन किया। पीएम ने मजाकिया अंदाज में पूछा, ‘मैं मराठी में बोलूं या हिन्दी में?’ इस पर निकम हंस पड़े। पीएम ने मराठी में बताया कि राष्ट्रपति उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी देना चाहती हैं। आप देश की दृष्टि से इस ज़िम्मेदारी को अच्छे ढंग से निभा पाएंगे।”
निकम ने कहा, ‘इस मनोनयन के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र की जनता को धन्यवाद देता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘लोकसभा के दौरान भाजपा ने मुझ पर जो भरोसा दिखाया था, अब मैं राज्यसभा के सांसद के रूप में उस पर खरा उतरने का ईमानदारी से प्रयास करूंगा। बेशक, राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त सांसद होने के नाते, मुझ पर बड़ी जिम्मेदारी है। मैं महाराष्ट्र की जनता को विश्वास दिलाता हूं कि मैं कानून का अध्ययन करने, कानून का विश्लेषण करने और देश की एकता के लिए देश के लोकतंत्र और संविधान को मजबूत करने का हरसंभव प्रयास करूंगा।”
‘सभी की शुभकामनाएं मेरे साथ होंगी, इसमें कोई संदेह नहीं’
उज्ज्वल निकम ने कहा, ‘मैं व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे इस सूची में महाराष्ट्र से एकमात्र सांसद के रूप में चुना। मुझे विश्वास है कि भले ही जिम्मेदारी बड़ी है, लेकिन मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि मुझे हम सभी का, महाराष्ट्र के लोगों का और अन्य वक्ताओं का भी आशीर्वाद मिलेगा। हमें रचनात्मक कार्य करना है। हम दिखाना चाहते हैं कि कैसे यह देश हिमालय से कन्याकुमारी तक एक है। इस दृष्टिकोण से, सभी की शुभकामनाएं मेरे साथ होंगी, इसमें कोई संदेह नहीं है।’
कई मामलों की लड़ाई में गृह मंत्री अमित शाह ने विशेष सहयोग दिया
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह का नाम लेते हुए कहा, ‘जब मैं इस देश में कई मामलों को लड़ रहा था तो गृह मंत्री अमित शाह ने विशेष सहयोग दिया। खासकर पाकिस्तान से जुड़े मामले में। पाकिस्तान जाकर बोला कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि 26/11 की साजिश हमारे देश में रची गई थी। इसके जवाब में, हमने डेविड हेडली की गवाही ली। गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस गवाही में मदद और सहयोग किया। इसी वजह से मैं पाकिस्तान का पर्दाफाश कर पाया। नतीजतन, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान का असली चेहरा सबके सामने आ गया।
लोकसभा चुनाव के दौरान अलग ही प्रोपेगैंडा चलाया गया
उज्ज्वल निकम ने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा, ‘लोकसभा चुनाव एक अलग विचार के साथ लड़ा गया था। एक अलग ही प्रोपेगैंडा चलाया गया। जहां गलतफहमियां फैलाई गईं, लोग उस गलतफहमी का शिकार हुए। लेकिन जब लोगों को एहसास हुआ कि वे गलत थे तो एक अलग ही दुष्प्रचार फैलाया गया। कुछ नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि हमारे राज्य में जो लोग कसाब की गोली से शहीद हुए, वो कसाब की गोली से शहीद नहीं हुए। लोकसभा चुनाव में मुझे ये देखने को मिला, लेकिन विधानसभा चुनाव में जनता ने उस दुष्प्रचार को बेनकाब करने का काम किया।’
जलगांव से की थी शुरुआत
मूल रूप से जलगांव जिले के रहने वाले अधिवक्ता उज्ज्वल निकम ने जलगांव में ही एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, उन्होंने जिला अदालत में वकील के रूप में अपना करिअर शुरू किया। उन्होंने उसी अदालत में सरकारी वकील के रूप में भी काम किया। वह एक आक्रामक और अध्ययनशील वकील के रूप में जाने जाते हैं। वह विपक्षी वकील के तर्क प्रस्तुत करने, उनके पक्ष में तर्क प्रस्तुत करने और उनका विस्तृत विश्लेषण करने में कुशल हैं।
उज्ज्वल निकम द्वारा लड़े गए महत्वपूर्ण मुकदमे
अंबरनाथ में बम विस्फोट मामला, गुलशन कुमार हत्याकांड, खैरलांजी हत्याकांड, अंजनाबाई गावित हत्याकांड, 1993 मुंबई बम विस्फोट मामला, पुलिस अधिकारी सुनील मोरे बलात्कार मामला, प्रमोद महाजन हत्याकांड, शक्ति मिल बलात्कार मामला, 26/11 मुंबई आतंकवादी हमला, 26/11 मामले में कसाब को फांसी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका, कोपर्डी बलात्कार और हत्या मामला, मस्साजोग सरपंच संतोष देशमुख हत्या मामला।
