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नागपुर हिंसा पर भड़के उद्धव ठाकरे, भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों से इस्तीफे की मांग

नागपुर हिंसा पर भड़के उद्धव ठाकरे, भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों से इस्तीफे की मांग

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मुंबई, 18 मार्च। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने औरंगजेब की कब्र को ढहाए जाने की मांग और इसे लेकर जारी विवाद के बीच नागपुर के महाल इलाके में सोमवार की रात हुई हिंसा के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्र व राज्य में सत्तारूढ़, दोनों सरकारों पर निशाना साधा है और उनसे इस्तीफे की मांग की है। ठाकरे ने साथ ही केंद्र की एनडीए सरकार के दो घटक दलों तेलुगु देशम व जदयू को भी आड़े हाथों लिया है।

ढोंग क्यों कर रहे? यूपी की तरह यहां भी बुलडोजर चला दीजिए

उद्धव ठाकरे ने नागपुर हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मंगलवार को कहा, ‘महाराष्ट्र में तो भाजपा की ही सरकार है तो अब ढोंग क्यों कर रहे हैं? जाइए, पीएम मोदी के पास और जो बुलडोजर यूपी में चला रहे थे, वैसा बुलडोजर यहां भी चला दीजिए। यदि भाजपा को हरे रंग से कोई तकलीफ है तो अपने झंडे पर लगा हरा रंग उन्हें हटाना चाहिए।’

औरंगजेब की कब्र उखाड़ते वक्त चंद्रबाबू व नीतीश को जरूर बुलाइए

शिवसेना (UBT) चीफ ठाकरे ने कहा, ‘यह किसकी साजिश है? औरंगजेब, जिसका जन्म गुजरात में हुआ था। उसने हमारे महाराष्ट्र आकर संभाजी महाराज पर आक्रमण किया और उसकी कब्र यहां बनी है। वह आगरा वापस नहीं जा सका। अगर आप 400 साल पुरानी बात निकालना चाहते हैं तो निकालिए। औरंगजेब की कब्र उखाड़ना चाहते हैं तो तुरंत उखाड़ दीजिए, लेकिन उस समय चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को जरूर बुलाइए।‘

नागपुर में कैसे भड़की नागपुर हिंसा?

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर जारी सियासी विवाद के बीच सोमवार को विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र हटाने की चेतावनी दी और कुछ समय बाद नागपुर के महाल इलाके में हिंसा भड़क गई। इस मामले में पुलिसिया काररवाई अब भी चल रही है। पुलिस ने करीब 50 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अन्य उपद्रवियों की भी पहचान की जा रही है।

दरअसल, 80 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने अचानक हमला बोला था। उन्होंने डेढ़ दर्जन से ज्यादा वाहन फूंक डाले और कुल्हाड़ी व ईंट-पत्थर के हमले में कुछ शीर्ष अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया। इनमें आधा दर्जन आम नागरिक भी चोटिल हुए। आमजन का कहना है कि यह हिंसा किसी साजिश के तहत की गई लगती है क्योंकि बिना प्लानिंग के इतना कुछ नहीं किया जा सकता। अब पुलिस इस मामले में गहराई से जांच कर रही है और गिरफ्तार उपद्रवियों से पूछताछ जारी है।

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