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पीएम मोदी के साथ बैठक से पहले ट्रंप ने पारस्परिक टैरिफ नीति की घोषणा की

पीएम मोदी के साथ बैठक से पहले ट्रंप ने पारस्परिक टैरिफ नीति की घोषणा की

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वॉशिंगटन, 13 फरवरी। दो दिवसीय अमेरिकी दौरे पर वॉशिंगटन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुरुवार को होने वाली अहम बैठक से करीब ढाई घंटे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैक्स (पारस्परिक कर) लगाने का एलान कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने चुनावी वादे के मुताबिक यह टैक्स लगाया है, जिसके तहत अमेरिका अब उन सभी देशों से होने वाले आयात पर उतना ही टैक्स लगाएगा, जितना ये देश अमेरिकी उत्पादों या सेवाओं पर लगाते हैं।

अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में भारत भी

वैसे राष्ट्रपति ट्रंप का यह फैसला किसी खास देश को लेकर नहीं है, लेकिन इसका असर मेक्सिको, चीन के साथ भारत पर भी पड़ने की बात कही जा रही है। वजह यह है कि अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में भारत भी है। राष्ट्रपति ट्रंप स्वयं कई बार यह कह चुके हैं कि भारत सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में है। अब देखना होगा कि मोदी और ट्रंप की मुलाकात में इस मुद्दे पर कितनी बात होती है।

‘जो जैसा टैरिफ लगाएगा, वैसा हम भी लगाएंगे

नई नीति से संबंधित कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलान किया – ‘जो जैसा टैरिफ लगाएगा, वैसा हम भी लगाएंगे। ना उससे ज्यादा और ना उससे कम। हम हर देश के टैरिफ के मुताबिक फैसला करेंगे। अधिकतर मामले में हमने देखा है कि वह हमारे उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं।‘

ट्रंप ने इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “आज का दिन बहुत बड़ा है, पारस्परिक शुल्क!!! अमेरिका को फिर से महान बनाएं।” ट्रंप की इस घोषणा को अमेरिका की व्यापार नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जिसका असर भारत सहित कई देशों पर पड़ सकता है।

हालांक ट्रंप के इस फैसले का व्यापक आकलन होना अभी शेष है। लेकिन माना जा रहा है कि यह दुनिया के हर देश को प्रभावित कर सकता है। इस फैसले से वैश्विक शेयर बाजार और मुद्रा बाजार में जारी अस्थिरता के और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

चीन, कनाडा जैसे देश अमेरिकी सरकार के फैसले के खिलाफ

ट्रंप ने कहा कि इससे अमेरिका में ब्याज दरें कम होंगी। लेकिन दुनिया के दूसरे देशों में अमेरिकी डालर के सापेक्ष स्थानीय मुद्राओं के कमजोर होने से वहां ब्याज दरों में वृद्धि होने के आसार हैं। अगर चीन, कनाडा जैसे देश अमेरिकी सरकार के फैसले के खिलाफ अपनी तरफ से ज्यादा टैक्स लगाने का फैसला करते हैं, तो यह अमेरिकी बाजार में भी महंगाई बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।

भारत ने हाल ही में आम बजट 2025-26 में कुछ उत्पादों पर आयात शुल्क घटाने का फैसला किया है। इसमें अमेरिका से आने वाले दोपहिया वाहन व आटोमोबाइल भी हैं, जिन पर शुल्क कम किया गया है। लेकिन यह अमेरिकी सरकार की मांग के मुकाबले कम कटौती है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भारत सरकार की तरफ से अमेरिकी मोटरसाइकिलों के आयात पर ज्यादा शुल्क लगाने की कई बार निंदा की थी।

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार देश

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार देश है। अमेरिका के साथ कारोबारी संबंधों को सुधारा नहीं गया तो भारत के निर्यात पर ज्यादा असर हो सकता है। भारतीय निर्यात की स्थिति पहले से ही कोई खास नहीं है। ऐसे में ट्रंप प्रशासन का यह कदम काफी उल्टा साबित हो सकता है।

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